पड़ोसी देश से लौटने के बाद बोले- ऐसा लगा कि वर्ल्ड वॉर जीत गया हूं
जावेद अख्तर ने अपनी पाकिस्तान यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोई भी देश किसी धर्म से नहीं बनता, पाकिस्तान तो पहली बात बनना ही नहीं चाहिए था। पाकिस्तान का बनना तर्कपूर्ण नहीं था। अगर कोई किताब लिखी जाए कि मानव ने अपने इतिहास में कौन से ऐसे 10 ब्लंडर्स किए हैं, तो उसमें पाकिस्तान का बनना भी एक होगा। जावेद अख्तर ने कहा कि जब वो पाकिस्तान से लौटे तो लोगों का ऐसा रिएक्शन था जैसे कि वो थर्ड वर्ल्ड वॉर जीत के आ रहे हो। जावेद अख्तर ने इस समिट में कहा, ‘जब मैं पाकिस्तान से लौट के आया तो ऐसा लग रहा था जैसे थर्ड वर्ल्ड वॉर जीत के आया हूं, मेरे पास कई सारे कॉल्स और मैसेज आने लगे थे। मैंने सोचा कि ऐसा क्या तीर मार दिया था, जो बात मैंने वहां बोली वो तो कहना जरूरी था। वहां (पाकिस्तान) में तो मुझे गालियां भी पड़ रही हैं, लोग कह रहे है कि मुझे वीजा क्यों दिया। लेकिन मैं जिस मुल्क में रहता हूं अगर यहां कोई बात कहने में नहीं डरता तो पाकिस्तान में बोलने से क्यों डरूंगा।’जावेद अख्तर ने पाकिस्तानी के मौजूदा आर्थिक हालात पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘मुझे वहां कोई स्लम नजर नहीं आया, हमारे यहां तो ऐसे स्लम सामने ही दिख जाते हैं। मुझे उनके यहां गरीबी नहीं दिखी, शहरों में भी बड़े-बड़े घर दिखाई दे रहे थे। अब ऐसा तो होगा नहीं कि वहां गरीबी नहीं होगी, गरीबी तो जरूर होगी, लेकिन हो सकता है छिपा के रखी गई हो।’