प्रयागराज- उत्तर प्रदेश में बसपा विधायक रहे राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार को हत्या कर दी गई। गनर संदीप मिश्रा और राघवेंद्र सिंह भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि पहले ये सूचना आई थी कि हमले में गनर संदीप मिश्रा की भी मौत हो गई है। लेकिन अभी वह वेंटिलेटर पर है।प्रयागराज में हमलावरों ने घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया। फिलहाल हमलावरों के बारे में पता नहीं चल पाया है। हमला उस समय हुआ जब उमेश पाल कोर्ट से गवाही देकर अभी घर के गेट तक ही पहुंचे थे। वह कार से उतरे तभी 4-5 हमलावरों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इसके बाद जब वह घर के अंदर भागे, तो बम से हमला कर दिया। इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है।घटना के बाद एडवोकेट विक्रम सिन्हा ने कहा, ”केस में फाइनल बहस चल रही थी। हम लोगों की तरफ से बहस समाप्त हो चुकी थी। डिफेंस के वकील ने आज बहस की। ढाई बजे से शुरू करके उन्होंने सवा चार-साढ़े चार बजे तक बहस किया। उसके बाद उन्होंने कोर्ट से बहस खत्म करने के लिए सोमवार तक का समय मांगा। जबकि इस केस में कोर्ट आज बहस खत्म करना चाहती थी। जिसके बाद किसी को समय नहीं दिया जाता।” उमेश पाल के अपहरण मामले में विक्रम सिन्हा उमेश पक्ष के वकील हैं। इलाहाबाद पश्चिमी के बसपा विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को सुलेमसराय में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी पूजा पाल कौशाम्बी की चायल सीट से सपा की विधायक हैं। राजू पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद व उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उमेश पाल घटना का मुख्य गवाह था। वह राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की सगी बुआ का लड़का था। राजू पाल हत्याकांड की जांच CBI ने की थी, जिसमें उमेश पाल मुख्य गवाह थे। यही कारण है कि उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी मिली थी। राजू पाल की पत्नी विधायक पूजा पाल ने भी कई बार आशंका जताई थी कि गवाही को प्रभावित करने के लिए उमेश पाल की हत्या हो सकती है। उमेश पाल ने भी अपनी जान को खतरा बताया था।