रक्षा मंत्रालय ने थल सेना के लिए नई क्षमताओं से लैस 118 मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमके-1ए खरीदने की मंजूरी दी है। यह सौदा 7,523 करोड़ रुपये का है। ये टैंक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किए हैं। इनमें इसके पिछले संस्करण एमके-1 की तुलना में 72 नई विशेषताएं हैं और यह पहले से अधिक स्वदेशी है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों की दिशा में बड़ा कदम है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस आर्डर से देश की 200 कंपनियों को सरकारी क्षेत्र के उपक्रम हैवी वेहिकल्स फैक्ट्री (एचवीएफ) के साथ काम करने के अवसर मिलेंगे और नौकरियों के 8000 नए अवसर पैदा होंगे। 23 सितंबर को भारतीय सेना के लिए 118 मेन बैटल टैंक (MBT) अर्जुन एमके-1ए की आपूर्ति के लिए चेन्नई के हेवी व्हीकल फैक्ट्री (HVF) को आदेश दिया है। 7,523 करोड़ रुपये का यह आर्डर रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा देगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मंत्रालय ने कहा कि टैंक दिन हो या रात किसी भी समय सटीक निशाना साधने के अलावा किसी भी इलाके में सहज गतिशीलता सुनिश्चित करेंगे। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डिजाइन और विकसित किया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहला एमके-1ए टैंक 14 फरवरी 2021 को थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवने को चेन्नई में सौंपा था। बयान के मुताबिक टैंक के नए संस्करण में 72 नयी खूबियां हैं।