विधानसभा के अंदर नमाज पढ़ने के लिए अलग कमरा बनाए जाने को लेकर झारखंड में एक मामला चल रहा है। झारखंड में नमाज वाले कमरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा विरोध किया था। रांची से विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने विधानसभा परिसर में हिंदू विधायकों को पूजा के लिए हनुमान मंदिर स्थापित किए जाने की मांग उठाई थी। इस बीच कर्नाटक में भी एक विधायक ने सभापति के सामने ऐसी ही मांग रख दी। जनता दल (सेक्युलर) के विधान परिषद सदस्य (MLC) बीएम फारूक ने सभापति को पत्र लिखकर कर्नाटक विधानसभा में मुसलमानों नमाज पढ़ने के लिए अलग कमरा बनाने का अनुरोध किया है।
कर्नाटक विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरे की मांग पर चेयरमैन ने कोई जवाब नहीं दिया है। हालांकि कानून और संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने सदन में कहा कि वह सभापति और हितधारकों के साथ एक बैठक आयोजित कर मांग पर निर्णय लेंगे। फारूक ने मांग करते हुए कहा था, मैंने नमाज के लिए एक कमरा मांगा, क्योंकि सदन में बहस में ज्यादातर देरी होती है और हम बाहर जाकर नमाज नहीं पढ़ पाते। मैं हर दिन नमाज पढ़ता हूं। ऐसे में हमें यहीं एक कमरा मिले। फारुक का दावा है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई है।
विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरे का सिलसिला झारखंड से शुरु हुआ था। सितंबर 2021 में झारखंड विधानसभा में सत्र शुरू होते ही कमरा नंबर TW-348 नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया गया। आदेश की कॉपी में विधानसभा के उपसचिव नवीन कुमार के हस्ताक्षर भी हैं। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा विरोध किया था। रांची विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने विधानसभा परिसर में हनुमान मंदिर स्थापित किए जाने की मांग उठाई थी। बीजेपी विधायक विरंची नारायण ने कहा था कि तब तो सभी धर्मों के लिए पूजा स्थल बनाना चाहिए। बीजेपी ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया था।