अपने भोजन में करौंदे (क्रेनबेरीज) को शामिल करने से याद्दाश्त और दिमागी कामकाज में सुधार आ सकता है। इसके सेवन से पागलपन या विक्षिप्तता (डेमेंशिया) जैसे रोग नहीं होते हैैं। खासकर प्रौढ़ आयु के लोगों को इसका सेवन अधिकाधिक करना चाहिए। इसको खाने से ‘बैड कोलेस्ट्रोल” भी कम होता है।
एक नए शोध के मुताबिक करौंदे में तंत्रिकातंत्र को सुरक्षित रखने की भी क्षमता होती है। शोध के यह परिणाम ‘फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन” में प्रकाशित हुए हैैं। पचास से अस्सी साल के लोगों पर हुए शोध में पाया गया कि कुछ अरसे बाद उनकी स्मृति में काफी सुधार हुआ था। तंत्रिका तंत्र की प्रणाली और दिमाग तक रक्त पहुंचना और सहज व बेहतर हो गया। आगे चल के शोध के प्रतिभागियों में ‘बैड कोलेस्ट्रोल” भी कम हो गया। दरअसल ‘बैड कोलेस्ट्रोल” हृदय रोगों के लिए घातक साबित होता है। चूंकि इसके बढ़ने से धमनियां (आर्टरीज) मोटी और सख्त हो जाती हैैं। ब्रिटेन में ईस्ट एंगलिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि करौंदे के सेवन से दिल तो सेहतमंद होता ही है, संज्ञान यानी पहचान करने की क्षमता बढ़ जाती है। मानवों के करौंदे का लंबे समय तक सेवन करने से दिमागी क्षमता बढ़ने की पुष्टि करने वाला अपने आप में यह पहला शोध है।