भारत में कोरोना के नए स्टेन का खतरा बढता जा रहा है। देश में अब तक 20 नए मामले सामने आ चुके हैं। यह खतरा ब्रिटेन से आने वाले उन भारतीयों के कारण बढ गया, जो बिना जांच के ही चुपचाप एयरपोर्ट से ही भाग गए हैं। ऐसे लोगों ने अपना मोबाइल फोन तक बंद कर दिया है। हालांकि सरकार अब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है। ऐसे लोगों को तलाश कर उनकी जांच करवाई जाएगी और उन के खिलाफ केस भी दर्ज किया जा सकता है।
ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्टेन के बाद अब तक भारत में भी 20 ऐसे मरीज मिल चुके हैं। हालांकि नए मामले उन्हीं लोगों के साथ भारत आए हैं, जो ब्रिटेन से लौटे हैं। भारत के अलावा डेनमार्क, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, इटली, फ्रांस, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, स्पेन, कनाडा, जर्मनी, लेबनान, जापान और सिंगापुर में भी ब्रिटेन वाला स्टेन मिला है।
आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के न्यू स्टेन के मामले मंगलवार तक सिर्फ छह थे, लेकिन अब इनकी संख्या 20 हो चुकी है। अभी तक कुल 107 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, जिसमें से 20 की रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हो चुकी है। इन 20 पॉजिटिव मामलों में 8 केस एनसीडीसी दिल्ली की लैब में पाए गए हैं।
भारत में अबतक जो केस मिले हैं, उनके 3 सैंपल बेंगलुरु, 2 हैदराबाद और एक पुणे में पॉजिटिव पाए गए। यूपी में भी म्यूटंट स्टेन का पहला केस कन्फर्म हो चुका है। यूके से लौटी मेरठ की दो साल की बच्ची नए स्टेन से संक्रमित है। हालांकि उसके माता-पिता को पुराने वैरियंट से संक्रमण का पता चला है।
जो 20 नए केसेज मिले हैं, उनमें यूपी की बच्ची के अलावा आंध्र प्रदेश की एक 47 वर्षीय महिला भी है। वह पिछले हफ्ते दिल्ली एयरपोर्ट अधिकारियों को चकमा देकर फरार हो गई थी। यह महिला 22 दिसंबर को नई दिल्ली से विशाखापट्नम के लिए ट्रेन में बैठी और अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया। इससे उसे ट्रैक कर पाना मुश्किल हो गया। महिला 24 दिसंबर को अपने घर राजामुंदरी पहुंची। हालांकि बाद में उसे ट्रैक कर क्वारंटीन किया गया। उसके खिलाफ पुलिस कम्प्लेंट भी दर्ज कराई गई है। उसका बेटा जो पूरी यात्रा में उसके साथ था, निगेटिव पाया गया है। अधिकारी बस यही उम्मीद कर रहे हैं कि ये महिला 1,800 किलोमीटर से भी ज्यादा की यात्रा में किसी और के संपर्क में न आई हो।
47 साल की महिला में यूके वाला स्ट्रेन मिलने से आंध्र प्रदेश में हाई अलर्ट की स्थिति है। राज्य के स्वास्थ्य आयुक्त के. भास्कर ने कहा कि विभाग ने अबतक यूके से लौटे 1,423 में से 1,406 लोगों को ट्रेस कर लिया है। ओडिशा में भी परेशानी बढ़ गई है। भुवनेश्वर नगर निगम ने यूके से लौटे 74 और लोगों की लिस्ट जारी की है। वहां इन्हें ढूंढने के लिए छह टीमें बनाई गई हैं मगर मुश्किल हो रही है क्योंकि जो लौटे हैं, उनके फोन नंबर यूके के सर्विस प्रोवाइडर्स के हैं और स्विच ऑफ आ रहे हैं।
वहीं पुणे नगर निगम को पिछले 15 दिन में यूके से लौटे 109 लोगों का कोई पता नहीं है। कुछ की कॉन्टैक्ट डीटेल्स हैं और कुछ फोन नहीं उठा रहे। इसके बाद नगर निगम ने पुलिस की मदद मांगी है। अधिकारियों का कहना है कि कुछ मुंबई में लैंड किए और बाई रोड पुणे आए। टीम ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की मगर ट्रेस नहीं किया जा सका है। पुणे नगर निगम के प्रोटोकॉल के अनुसार, पश्चिमी एशिया और यूरोपियन देशों से लौटे सभी लोगों को अपने खर्च पर सात दिन तक नजदीकी होटल में इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन में रहना होगा।
वहीं दूसरी तरफ 25 नवंबर से लेकर 23 दिसंबर की आधी रात तक, यूके से करीब 33 हजार यात्री भारतीय एयरपोर्ट्स पर उतरे। नया स्ट्रेन जिन लोगों में मिला है, उन्हें सिंगल रूम आइसोलेशन फैसिलिटी में रखा जा रहा है। उनके करीबी कन्टैक्ट्स को भी क्वारंटीन किया गया है। साथी ट्रेवलर्स, फैमिली कॉन्टैक्ट्स व अन्य के लिए बड़े पैमाने पर ट्रेसिंग अभियान शुरू किया गया है। जीनोम सीक्वेंसिंग भी की जा रही है। यूके से लौटे भारतीयों में से कुछ के लापरवाही दिखाने के बाद सरकार ने अपील की है कि वे कोविड संबंधी नियमों का सख्ती से पालन करें।