देश में भगवान राम के नाम की चर्चा जोरों पर है। राममय माहौल के बीच छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ पर एक नई सियासत शुरू हो गई है। इस सियासत का विषय राम वनगमन पथ का नक्शा बदलने को लेकर है। दरअसल, इस चर्चा को हवा प्रदेश के धर्मस्व राजस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बयान के बाद मिली। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि पिछली सरकार ने राम वनगमन पथ में बहुत सी चीजें काल्पनिक है, जिसका कोई अस्तित्व नहीं है। जानकारों से बातचीत के बाद वास्तविकता के आधार पर काम किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ देश के पहला राज्य बना जहां रामवन गमन पर्यटन परिपथ की शुरुआत हुई। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विश्वस्तरीय पर्यटनस्थल के रूप में विकसित करने के लिए राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना का पहला चरण माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी से आधिकारिक तौर पर शुरुआत की। इसके तहत प्रदेश के ऐसे 75 स्थानों को चिन्हित किया गया, जहां से भगवान श्रीराम गुजरे थे। चंदखुरी से शुरुआत होने के बाद करीब 10 जगहों पर विकास का काम तेजी से चालू हुआ। अब तक 40 फीसदी तक काम पूरा हो चुका है। इस बीच प्रदेश में सरकार बदल गई। अब राम वनगमन पथ के नक्शे को बदलने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। धर्मस्व राजस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि राम वनगमन पथ में बहुत सी चीजें काल्पनिक हैं और इसका कोई अस्तित्व नही है। जानकारों से बातचीत और वास्तविकता के आधार पर काम किया जाएगा।
धर्मस्व मंत्री अग्रवाल के बयान के बाद माना जा रहा है कि राम वनगमन पथ का नक्शा बदला जाएगा। इस पर कांग्रेस अब सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि 15 सालों तक जब भाजपा की सरकार थी तब क्या कर रहे थे।