अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता पर कब्जा करने के बाद उसने अफगानिस्तान को इस्लामिक राष्ट्र घोषित करने का एलान किया है। तालिबान के प्रवक्ता बार-बार लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिला रहे हैं, लेकिन तालिबान के इस्लामिक राष्ट्र को लोग अच्छी तरह समझते हैं। 1996-2001 के दौरान अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के दौरान महिलाओं को न काम करने की आजादी थी और न ही अकेले घर से बाहर निकलने की। मामूली अपराध पर भी उन्हें पत्थरों से मारने की सजा सुनाई जाती थी। अपराधियों को बीच चौराहे मार दिया जाता है।
काबुल में तालिबान लड़ाके तैनात : करीब 50 लाख की आबादी वाले काबुल के हर चौराहे पर अफगान लड़ाके तैनात कर दिए गए हैं। पूरे शहर में वीरानी छा गई है। इक्का दुक्का वाहन सड़कों पर निकल रहे हैं, जिन्हें सघन जांच और तलाशी से गुजरना पड़ रहा है। तालिबान ने एक जेल पर कब्जा जमाकर हजारों को कैदियों को छोड़ दिया है जो आम लोगों में मिल गए हैं। इससे भी लोग डरे हुए हैं। लूटपाट की घटनाएं हो रही हैं।