आज बुधवार का दिन है यानी भगवान गणेश की आराधना के लिए यह दिन विशेष माना गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश बुद्धि के देवता हैं और उन्हें प्रसन्न करना भी आसान है। कुछ विशेष मंत्रों और पूजा सामग्री के साथ आप गणेश जी की असीम कृपा पा सकते हैं।
उपाए:
गणेश को सिंदूर अत्यंत प्रिय है। गुरुवार के दिन हल्दी मिश्रित सिंदूर उनके चरणों में रखने से मनोवांछित फल शीघ्र ही मिलता है।
गुरुवार के दिन 11 दूर्वा पत्तियां श्री गणेश के पेट पर चिपकाएं। धन संबंधी सारे मामले सुलझ जाएंगे और अथाह दौलत आने के रास्ते खुल जाएंगे।
गणेश जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है हर दिन सुबह स्नान पूजा करके गणेश जी को गिन कर पांच दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। दुर्वा गणेश जी के मस्तक पर रखना चाहिए। चरणों में दुर्वा नहीं रखें।
दुर्वा अर्पित करते हुए मंत्र बोलें ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः’
शमी ही एक मात्रा पौधा है जिसकी पूजा से गणेश जी और शनि दोनों प्रसन्न होते हैं। ऐसे माना जाता है कि भगवान श्री रमा ने भी रावण पर विजय पाने के लिए शमी की पूजा की थी।
शमी गणेश जी को अत्यंत प्रिय है। शमी के कुछ पत्ते नियमित गणेश जी को अर्पित करें तो घर में धन एवं सुख की वृद्घि होती है।
भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पवित्र चावल अर्पित करें। पवित्र चावल उसे कहा जाता है जो टूटा हुआ नहीं हो। उबले हुए धन से तैयार चावल का पूजा में प्रयोग नहीं करें।
सूखा चावल गणेश जी को नहीं चढ़ाएं। चावल का गीला करें फिर, ‘इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र बोलते हुए तीन बार गणेश जी को चावल चढ़ाएं।
सिंदूर की लाली गणेश जी को बहुत पसंद है। गणेश जी की प्रसन्नता के लिए लाल सिंदूर का तिलक लगाएं। गणेश जी को तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।
इससे आर्थिक क्षेत्र में आने वाली परेशानी और विघ्न से गणेश जी रक्षा करते हैं। गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते समय मंत्र बोलें, ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः’