छत्तीसगढ में बदलाव की बयार प्राईवेट कालेज के तर्ज पर अब डोंगरगढ़ के शासकीय नेहरू महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड लागू किए जाने से विद्यार्थियों में हर्ष का माहौल देखा जा रहा है। वही महाविद्यालय प्रशासन के इस निर्णय को स्टूडेंट्स भी उचित बता रहे डोंगरगढ़-शहर के दो भागों में बटे नेहरू महाविद्यालय में अब सिविल ड्रेस एक हो गए अर्थात कॉलेज के नए ड्रेस पहन कर कॉलेज के आने जाने से आम जनमानस भी जान रहे है कि नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राएं हैं।
नए वर्ष में महाविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों के सीटों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए प्राईवेट कालेजो की तर्ज पर अब शासकीय महाविद्यालय नेहरू कालेज में भी ड्रेस कोड लागू कर दिया गया। ड्रेस कोड निर्धारित होने से महाविद्यालय प्रशासन के आदेशों के अनुसार कॉलेज के स्नातक छात्रों के लिए निर्धारित कलर का फुल शर्ट के साथ ब्लैक ट्राउजर निर्धारित किया गया है ब्लैक ट्राउजर निर्धारित किया गया है। पीजी के छात्रों के लिए निर्धारित कलर का शर्ट व ट्राउजर के साथ टाइप भी निर्धारित की गई है। महाविद्यालय के स्नातक के छात्राओ को कुर्ती स्टैंडर्ड नैक व स्कर्ट वही पीजी के छात्राओ ड्रेस के साथ कोर्ट भी निर्धारित किया गया है।
प्रभारी प्राचार्य श्रीमती रेवती जी ने बताया कि आदेश से पहले महाविद्यालय प्रशासन ने कॉलेज के छात्र छात्राओ से ड्रेस के एवज में उनसे सुझाव मांगे थे।जिसमे ज्यादातर छात्र छात्राओ ने इसके अनिवार्यता में हामी भरी। जिसके बाद महाविद्यालय ने निर्णय लिया।वही महाविद्यालय प्रशासन की माने तो विद्यार्थियों को नए ड्रेस कोड में महाविद्यालय आना अनिवार्य कर दिया गया है।
कई बार छात्राएं लूट की भी हुई शिकार
महाविद्यालय प्रबंधन के लिए इस निर्णय पर छात्रों ने चर्चा में बताया कि इस निर्णय से जरूर ही हम सबको एक सुरक्षा मिलेगी कई बार हम सब के साथ छीना-झपटी जैसे घटनाएं घट चुकी है, जिसमें अब विराम लग सकेगा इससे जनता हम छात्रों की मदद के लिए आगे आते हैं।
क्यों पड़ी ड्रेस कोड की आवश्यकता
जानकारी के अनुसार 3 वर्ष पूर्व नेहरू महाविद्यालय की नई बिल्डिंग करवारी पहाड़ी के पास बनी है, जो शहर से कुछ दूर में स्थित है। महाविद्यालय में हर वर्ष 2000 के लगभग विद्यार्थी होने के कारण कई व्यवस्था देखने को मिलती है। इस समस्या को देखकर प्रबंधन ने पिछले एक वर्षों से बीए एमए की कक्षा पुराने महाविद्यालय के बिल्डिंग में हो रहा है। वही बीएससी बीकॉम के छात्रों की व्यवस्था नई बिल्डिंग में कर दी, परंतु ऐसी व्यवस्था से अब महाविद्यालय प्रबंधन को ही छात्र-छात्राओं को एकजुट कर अनुशासन में रखने की कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। दूसरी ओर नवीन महाविद्यालय के आसपास वन विभाग का रिजर्व जोन होने के साथ-साथ महाविद्यालय ने अपने कोई बाउंड्री वॉल नहीं होने से शहर के कई असामजिक तत्वों का डेरा महाविद्यालय परिसर में देखा जाता है। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए बताया जा रहा है कि महाविद्यालय प्रबंधन ने यह निर्णय लिया।