छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर भाजपा और कांग्रेस फिर आमने-सामने हैं। कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करने के बाद राजभवन भेजा था। अब तक उस पर हस्ताक्षर नहीं होने के कारण आरक्षण का मुद्दा गरमा गया है, क्योंकि कांग्रेस आरक्षण में रुकावट डालने का आरोप भाजपा पर लगा रही है।
छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुददा फिर गर्म है। विधानसभा में पारित होने के बाद राजभवन में हस्ताक्षर के लिए अटका है, इसे लेकर संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला कहा कि भाजपा आरक्षण विरोधी है। विधानसभा में सर्वसम्मति से आरक्षण संशोधन विधायक पारित होने के बाद भी राजभवन में हस्ताक्षर के लिए लंबित है। इसमें ओबीसी को 27% एससी को 32% एसटी को 13% ईडब्ल्यूएस को चार परसेंट आरक्षण की व्यवस्था है। इस आरक्षण संशोधन विधेयक को भाजपा ने रूकवा रखा है। इससे पता चलता है भाजपा आरक्षण विरोधी है। अगर उसके पक्षधर हैं तो आज ही राज भवन से हस्ताक्षर करवाकर मंगवाएं।
आरक्षण विधेयक राज भवन में लंबित होने के कारण भाजपा पर कांग्रेस लगातार हमलावर है। इस आरोप पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि उनके किए हुए सब मसले हैं। उसको बना नहीं पाए अब इस प्रकार की राजनीति करें और रही बात आरक्षण की जो प्रावधान है वह खत्म नहीं होने वाले हैं ये भाजपा की तरफ से बहुत स्पष्टता के साथ पूरे देश को बताया गया है।