न्यूनतम सुरक्षा और गुणवत्ता आवश्यकताओं को सुनिश्चित करते हुए नागरिक विमानन मंत्रालय ने ड्रोन प्रमाणन योजना को अधिसूचित कर दिया है। इससे देश में ही ड्रोन मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 के नियम सात के तहत अधिसूचित ड्रोन प्रमाणन योजना ड्रोन के सरल, तेज और पारदर्शी प्रमाणन में मदद करेगी।” मंत्रालय ने कहा है कि उदारीकृत ड्रोन नियमों, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और सिंगल विंडो डिजिटल स्काई प्लेटफार्म से भारत मेें ड्रोन निर्माण उद्योग को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह योजना 2030 तक भारत को दुनिया का ड्रोन हब बनाने की दिशा में एक और कदम है। विमानन मंत्रालय ने पिछले साल 16 सितंबर को ड्रोन और ड्रोन से जुड़े कलपुर्जों के निर्माण के लिए पीएलआइ स्कीम की घोषणा की थी और इसके लिए तीन सालों में 120 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। अधिसूचित की गई ड्रोन प्रमाणन योजना स्वदेशी ड्रोन निर्माताओं, इसे असेंबल करने वालों के साथ-साथ आयातकों पर भी लागू होगी। सरकार और उद्योग से जुड़े लोगों की समिति इस योजना पर नजर रखेगी। अगर कोई निर्माता ड्रोन के प्रमाणीकरण को लेकर आवेदन करता है तो उसे वजन, गति, रेंज, बैटरी क्षमता, निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री जैसे विषयों से जुड़ी जानकारी देनी होगी।