चुनाव आयोग ने चुनावी रैली के दौरान उपहार में साड़ी और शर्टें बांटने पर रोक लगा दी है। साथ ही कहा कि सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों का उनके मैदानों समेत रैलियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा, चुनाव की अवधि में सभी राजनीतिक दलों को विज्ञापनों के लिए समान रूप से जगह मिलनी चाहिए।
चुनाव आयोग ने बयान जारी कर कहा कि रैलियों और पदयात्राओं में किसी भी पार्टी या पार्टी उम्मीदवार को कैप, मास्क, स्कार्फ आदि का प्रयोग किया जा सकता है। पार्टी या उम्मीदवार की ओर से तैयार की गई इन प्रचार सामग्रियों का प्रयोग वर्जित नहीं होगा। लेकिन रैलियों में पार्टी या उम्मीदवार की ओर से साड़ियां और शर्टें नहीं बांटी जा सकेंगीं।
आयोग ने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों में विज्ञापन के लिए सभी दलों को समान रूप से स्थान मिलना चाहिए, लेकिन निजी स्थानों पर स्थानीय कानून के तहत दीवारों पर लिखने, पोस्टर लगाने जैसे प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए। इन स्थानों पर अगर संपत्ति का मालिक पेंटिग या पोस्टर लगाने की इजाजत भी दे, तभी राजनीतिक दलों को ऐसा नहीं करना चाहिए।











