केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए कई हरित पहल की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत सालाना 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहा है। उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुख्यालय में बेहतर पर्यावरण के लिए स्थायी रूप से अपनाए जा सकने वाले छोटे बदलावों के बारे में जन जागरूकता के लिए शुभंकर ‘प्रकृति” का किया शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री ने सभी से प्लास्टिक प्रदूषण को हराने और बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने के प्रयासों में शामिल होने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘प्लास्टिक सबसे अधिक दबाव वाले पर्यावरणीय मुद्दों में से एक बन गया है जिसका हम आज सामना कर रहे हैं। भारत सालाना लगभग 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहा है और पिछले पांच वर्ष में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन लगभग दोगुना हो गया है। प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, क्योंकि यह पारिस्थितिक तंत्र और वायु प्रदूषण से भी जुड़ा हुआ है।
मंत्री ने केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों सहित सभी हितधारकों को एक स्थान पर लाने और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के उन्मूलन के लिए हुई प्रगति को ट्रैक करने के लिए एकल उपयोग प्लास्टिक और प्लास्टिक अपश्ािष्ट प्रबंधन के उन्मूलन पर राष्ट्रीय डैशबोर्ड जैसी कई पहल भी शुरू की।