विज्ञानियों ने एक हालिया अध्ययन में पता लगाया है कि अल्जाइमर पीड़ितों की उंघाई व सुस्ती के लिए अनिद्रा नहीं, बल्कि खास प्रकार के न्यूरान में आने वाली गिरावट जिम्मेदार है जो हमें जागने व तरो-ताजा रखने में मदद करते हैैं। ‘जेएएमए न्यूरोलाजी” नामक पत्रिका में प्रकाश्ाित अध्ययन में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि न्यूरान में गिरावट के लिए टाऊ प्रोटीन जिम्मेदार है। अध्ययन के अनुसार, यह आम धारणा है कि अल्जाइमर पीड़ित रात में ठीक से नींद नहीं ले पाते, जिसके कारण्ा उन्हें दिन में उंघाई या झपकी आती रहती है और वे सुस्त बने रहते हैैं। इसके इलाज की सलाह दी जाती है, ताकि अल्जाइमर पीड़ित ज्यादा जाग सकें और तरो-ताजा बने रहें। अध्ययन में यूसी सैन फ्र ांसिस्को के मेमोरी एंड एजिंग सेंटर में भर्ती मरीजों के आंकड़ों की मदद ली गई। मरीजों की नींद की इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (ईईजी) के जरिये निगरानी की गई। उन्होंने मृत्यु के बाद अपना मस्तिष्क दान कर दिया था। पोस्टमार्टम के बाद उनके मस्तिष्क के ऊतकों की सूक्ष्म स्थिति तथा नींद संबंधी आंकड़ों की तुलना की गई। न्यूरोपैथोलाजिस्ट व मनोचिकित्सक थामस नेलन की सहयोगी ग्रिनबर्ग के अनुसार, ‘हमने अपने अध्ययन में यह साबित करने में सफलता पाई कि अल्जाइमर पीड़ितों की झपकी व सुस्ती के लिए न्यूरान में गिरावट जिम्मेदार है।”