कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के ईएसआइ अस्पताल के मुर्दाघर में कोरोना से दो रोगियों की मौत के 15 महीने बाद भी उनके शव पड़े रहे। ये शव तीन दिन पहले उस समय मिले, जब कर्मचारी कोल्ड स्टोरेज की सफाई कर रहे थे। इतने लंबे समय तक शवों के पड़े रहने का कारण स्टाफ और डाक्टरों की लापरवाही बताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि रिश्तेदारों ने शवों को लेने में रुचि नहीं दिखाई। अब शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
जुलाई 2020 में दोनों कोरोना मरीजों को बेंगलुरु के राजाजीनगर में ईएसआइ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोनों की बाद में मौत हो गई थी। टैग की मदद से शवों की पहचान दुर्गा (40) और मुनीराजू (35) के रूप में हुई। कोरोना से मौत होने के कारण श्ावों को अंतिम संस्कार के लिए महानगर पालिका की एजेंसी बीबीएमपी को सौंपा जाना था। इसलिए शवों को पुराने शवगृह में रखा गया था। ईएसआइ के पुराने शवगृह में शवों को रखने के लिए छह कोल्ड स्टोरेज हैं। हालांकि उस दौर में कोरोना से बड़ी संख्या में मौतें हो रही थीं। इस कारण शवों को रखना दूभर हो गया था। सरकार ने नया शवगृह बनवाया, जिसका गत वर्ष दिसंबर में उद्घाटन हुआ था। लापरवाही के कारण ये दोनों शव पुराने शवगृह में ही रह गए थे।