मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने पहली बार डिजिटल से दो लाख चालीस हजार करोड़ का बजट पेश किया। इस बजट में सरकार ने जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया। हां सतरंगी उम्मीदों के सहारे बुनियादी ढांचे को मजबूत कर आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का सपना दिखाया है। हालांकि सरकार ने किसानों के हित में खजाना खोल दिया है। प्रदेश में पहली बार डिजिटल माध्यम से वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में बजट प्रस्तुत किया।
इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत अब तक 57 लाख 50 हजार किसानों को 1150 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष किसानों को भी चालू वित्तीय वर्ष में करीब 400 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए 3200 करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कृषि आधारित उद्यमियों के लिए ऋण और ब्याज भुगतान की अवधि में वृद्धि की गई है। किसानों को सहकारी बैंकों से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने बताया कि किसानों की फसल का उपार्जन सुगमता से हो सके, इसके लिए नई मुख्यमंत्री फसल उपार्जन सहायता योजना लागू की जा रही है। युवा वर्ग को रोजगार के लिए भी कई घोषणाएं की गई हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि करीब 24 हजार शिक्षकों की और चार हजार से अधिक आरक्षकों की भर्ती के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। जो नौकरी नहीं करना चाहते हैं और अपने बूते अपना करियर बनाना चाहते हैं, ऐसे युवाओं के लिए नई मुख्यमंत्री स्वरोजगार (ब्याज परिदान) योजना शुरू की जाएगी। यही नहीं, काबिल युवा तैयार हों, इसके लिए सीएम राइज योजना में 9200 विद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त बनाने का संकल्प भी सरकार ने बजट में किया है।