हनुमत जन्मभूमि कर्नाटक प्रांत के कप्पड़ जिला अंतर्गत प्राचीन किष्किधा पर्वत पर भी रामजन्मभूमि की तर्ज पर हनुमानजी का भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। हनुमान इस समय जन्मभूमि किष्किधा के शिखर पर 20 गुणे 20 फीट के एक कक्ष के रूप में है। अब रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है तो हनुमत जन्मभूमि पर भी भव्य मंदिर के निर्माण की ललक भक्तों में जगी है। इस अभियान के सूत्रधार हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी गोविदानंद सरस्वती हैं। वह योजना को मूर्त रूप देने से पूर्व बजरंगबली के आराध्य श्रीराम का आशीर्वाद लेने रामनगरी आयोध्या पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि स्वामी गोविदानंद के संयोजन में आगामी महाशिवरात्रि यानी 11 मार्च से रथयात्रा निकलेगी। किष्किधा से निकलने वाली यह यात्रा राष्ट्रव्यापी होगी और नेपाल स्थित मां सीता की जन्मभूमि से होती हुई वापस 12 साल की अवधि पूर्ण होते-होते किष्किधा पहुंचेगी। यात्रा के दौरान हनुमत जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए घर-घर से निधि एकत्रित की जाएगी। गोविदानंद की योजना किष्किधा की तलहटी के 10 एकड़ क्षेत्र में हनुमान जी का भव्य मंदिर एवं इतने ही विस्तृत भूक्षेत्र पर रामायण ग्राम विकसित करने की है। इसी के साथ ही उनकी योजना हनुमान जी की 215 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की है।
इसी कडी में अयोध्या में रामलला के प्रमुख अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास से श्रीराम की पादुका के रूप में तीन खड़ाऊं का पूजन-अर्चन कराया। इस मौके पर रामलला के सहायक अर्चक प्रदीपदास एवं रामादल के अध्यक्ष पं. कल्किराम ने भी खड़ाऊं पूजन किया।