पकड़े गए तस्कर के मोबाइल में मिले विजुअल
रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस को पहली बार गांजे के गोदाम का विडियो मिला है। बालोद पुलिस ने हाल में ओडिशा से गांजा लाकर छत्तीसगढ़ और देश के दूसरे राज्यों में सप्लाई करने वाले नेटवर्क को पकड़ा था। हिरासत में लिए गए लोगों के मोबाइल फोन की जांच में यह वीडियो पुलिस के हाथ लगा। वीडियो में ओडिशा के छत्तीसगढ़ से लगे एक गांव में बना गांजे का गोदाम और तस्करों का अड्डा दिख रहा है। इसमें कुछ लोग भी दिख रहे हैं। इस जगह तंबू लगाकर गांजे के सैकड़ों पैकेट रखे गए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वीडियो में नजर आ रहा गांजे का स्टॉक करोड़ों की कीमत का है। इस बात की पुष्टि होती रही है कि गांजा ओडिशा से लाया जाता रहा है। छत्तीसगढ़ की पुलिस इस वीडियो को अहम सबूत मानकर गांजा तस्करों के खिलाफ एक्शन के लिए ओडिशा पुलिस से संपर्क कर रही है। बताया जा रहा है कि वीडियो ओडिशा के मलकानगिरी के पास कदमगुड़ा क्षेत्र का है। हालांकि, पुलिस की जांच अब भी जारी है। बीते कई साल से ओडिशा से छत्तीसगढ़ गांजा भेजा जा रहा है। हमेशा यहां पकड़ में आने वाले तस्करों के पास से मिलने वाला गांजा भी उसी तरह पैक किया हुआ होता है, जैसा वीडियो में नजर आ रहा है। दो सप्ताह पहले ही प्रदेश के नए डीजीपी अशोक जुनेजा ने ओडिशा पुलिस के अफसरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की है। उन्होंने साथ मिलकर गांजे के खिलाफ एक्शन लेने पर जोर दिया, ओडिशा पुलिस ने भी सहमति जताई। मगर इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि गांजे के इस गोदाम के बारे में ओडिशा पुलिस बिल्कुल अंजान हो।
नदियों के किनारे बने ठिकाने
सूत्रों के मुताबिक, ओडिशा के ऐसे गांव जो छत्तीसगढ़ से लगे हैं वहां नदियों के किनारे इस तरह के डंपिंग जोन हैं, जहां गांजा छुपाकर रखा जाता है। ऐसी जगह नदियों के किनारे होती हैं। कई बार पुलिस के डर से तस्कर गांजे को नदियों के रास्ते भी दूसरे गांवों में भेज देते हैं।
कभी पकड़े नहीं जाते रैकेट के सरगना
पिछले कुछ साल की पुलिसिया कार्रवाई को देखने पर एक बात कॉमन मिलती है। वो ये कि गांजे की तस्करी करने वाले छोटे तस्कर या वो ड्राइवर ही गिरफ्तार होते हैं, जिन्हें सिर्फ गांजे की डिलीवरी का काम सौंपा जाता है। आज तक की कार्रवाई में पुलिस कभी उन चेहरों को उजागर नहीं कर पाई जिनके लिए गांजा आ रहा था या जिनके पास से गांजा किसी और को भेजा जा रहा था।