रायपुर। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का आज 80 वा जन्मदिन है। शायद ही दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो अमिताभ बच्चन को ना जानता हो। आज उनकी पहचान उनकी आवाज और उनका अभिनय बन चुका है। फिल्म इंडस्ट्री में अमिताभ बच्चन हर किसी की प्रेरणा का वह अंश बन चुके हैं जो कभी नहीं भुलाया जा सकता। बिग बी के जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जिन्हें फैंस अभी नहीं जानते तो आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें।
फिल्मों में आने से पहले बिग बी कोलकाता में एक कंपनी में एग्जिक्यूटिव के पद पर नौकरी करते थे। वहां उन्हें 800 रुपये मिलते थे। बिग बी ने रेडियो में भी अपना लक ट्राई किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर वह विज्ञापन को अपनी आवाज देने लगे।
अमिताभ बच्चन के कई घर हैं जिसे वह बेहद संजीदगी से बनवाए हैं। ‘जलसा’ बंगले के बारे में तो सभी जानते हैं। इसके अलावा उनके पास प्रतीक्षा, जनक और वत्स नाम के तीन और बंगले हैं। 2021 में अमिताभ ने जुहू में 31 करोड़ के एक और बंगला खरीदा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक जलसा बंगले की कीमत 120 करोड़ से- 160 करोड़ के बीच है।
इन सबके अलावा बिग बी के पास 260 करोड़ का प्राइवेट जेट भी है, जिसका वे और उनका परिवार कहीं भी आने जाने के लिए इस्तेमाल करता है। इसके अलावा उनके पास कई लग्जरी कारों का भी कलेक्शन है।
सेहत के लिए सब छोड़ा
अमिताभ पहले नॉन वेज फूड, अल्कोहल, चाय-कॉफी आदि का भी सेवन किया करते थे पर कई सालों पहले उन्होंने इन सभी चीजों को अलविदा कह दिया। अब वे पूरी तरह शाकाहार का सेवन करते हैं और उसे फॉलो करने की सिफारिश भी करते हैं। इसकी वजह यह है कि चाय-कॉफी में कैफीन की काफी मात्रा होती है, जिसके अत्यधिक मात्रा में सेवन से दिमाग और याददाश्त पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा अमिताभ बच्चन कोल्ड ड्रिंक भी नहीं पीते हैं और न ही ज्यादा मिठाइयां खाते हैं।
“इन्कलाब” नाम था अमिताभ का
अमिताभ बच्चन का जन्म अक्टूबर 11, 1942 को उतरप्रदेश के जिले इलाहबाद में हिन्दू परिवार में हुआ। उनके बचपन का नाम “इन्कलाब” था जो बाद में बदल कर अमिताभ रख दिया गया। “इन्कलाब” नाम जो है वो आजादी की लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले नारे “इन्कलाब जिंदाबाद“ से प्रेरित था। अमिताभ नाम का मतलब होता है “ऐसा दीपक जो कभी नहीं बुझे“। अमिताभ के पिता हरिवंश राय बच्चन जो खुद एक प्रसिद्ध कवि थे और उनकी माता तेजी बच्चन जो कराची से वास्ता रखती थीं, ने ही उन्हें स्टेज की दुनिया में आने के लिए प्रेरित किया। वैसे आपके जानने लायक एक दिलचस्प बात और भी है कि अमिताभ का उपनाम श्रीवास्तव है लेकिन इनके पिता ने अपनी रचनाओं को बच्चन नाम से प्रकाशित करवाया जिसके कारण उसके बाद पूरे परिवार के साथ यह नाम जुड़ गया।
विज्ञापन में दी अपनी आवाज
संघर्ष के दिनों में अमिताभ को कोई मॉडलिंग के ऑफर्स आते थे, लेकिन अमिताभ को इस काम में रुचि नही थी। उस समय जलाल आगा ने एक कंपनी खोल रखी थी, जो की विविध भारती के लिए विज्ञापन बनाती थी। जलाल अमिताभ को छोटे से रिकॉर्डिंग सेंटर में ले जाते थे और एक- दो मिनट के विज्ञापन में अमिताभ की आवाज का उपयोग करते थे। जिसमें उन्हें प्रति प्रोग्राम 50 रुपये मिलते थे। वर्ली की सिटी बेकरी में आधी रात के समय टूटे फूटे बिस्टकुट आधे दान में मिल जाते थे। अमिताभ इसी तरह रात भर खुले रहने वाले कैम्पस कॉर्नर के रेस्तरेटों में टोस्ट खाकर दिन गुजारा करते थे। और सुबह फिर काम की खोज में निकल जाते थे।
अमिताभ बच्चन के करियर की शुरुआत
अमिताभ बच्चन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपना पहला स्क्रीन टेस्ट देने के लिए दिल्ली से मुंबई पहुंचे थे। अमिताभ की मां तेजी बच्चन भी उनके करियर को लेकर काफी परेशान थी। और उन्होंने ही नरगिस से अमिताभ बच्चन का पहला स्क्रीन टेस्ट लेने की बात कही थी। जिसके बाद नरगिस ने मोहन सहगल से बात की। सहगल ने उनके पहले स्क्रीन टेस्ट के लिए हां कह दिया था। लेकिन स्क्रीन टेस्ट के बावजूद अमिताभ बच्चन को फिल्म में काम नहीं मिला था।
इस फिल्म से हुआ सफर शुरू
अमिताभ ने फिल्मों में अपने करियर की शुरूआत ख्वाज़ा अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी फिल्म सात हिन्दुस्तानी के सात कलाकारों में एक कलाकार के रूप में की थी। इन सात कलाकारों में अमिताभ ने मुस्लिम युवक का रोल निभाया था। फिल्म ज्यादा तो नहीं चली लेकिन बच्चन ने अपनी पहली फिल्म के लिए बेस्ट डेब्यू का राष्ट्रीय अवॉर्ड जीता। इस सफलता के बाद उनकी अगली फिल्म आई आंनद। जिसमें उन्होंने उस समय के लोकप्रिय कलाकार राजेश खन्ना के साथ काम किया। इस रोल के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला। लगातार 12 फिल्में फ्लॉप, फिल्में छोड़ सरकारी नौकरी की कर ली थी तैयारी, फिर एक फिल्म ने बदल दी अमिताभ बच्चन की जिंदगी, शुरू हुआ सदी का महानायक बनने का सफर जो कभी थमा नहीं।