
रायपुर, 15 सितंबर 2025।छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत सोमवार को न्यू सर्किट हाउस, सिविल लाइन, रायपुर में स्टेकहोल्डर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया की पहल और स्वास्थ्य सेवाएं आयुक्त एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में अस्पतालों को फर्जी क्लेम रोकने और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने पर विशेष जानकारी दी गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की जनवरी 2025 में नई दिल्ली में हुई बैठक में यह खुलासा हुआ था कि छत्तीसगढ़ देश में फर्जी क्लेम के मामलों में चौथे स्थान पर है।
स्वास्थ्य सचिव ने जताई चिंता, गरीबों को सबसे अधिक नुकसान
वर्कशॉप में स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने कहा कि आयुष्मान योजना गरीब और मध्यम वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है। यह योजना मरीजों को अस्पताल चुनने की स्वतंत्रता देती है, जिससे वे बेहतर इलाज प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा,
“गलत क्लेम से योजना की छवि खराब होती है और वास्तविक जरूरतमंद मरीज इलाज से वंचित रह जाते हैं। फर्जी क्लेम के कारण सही अस्पतालों को भुगतान में देरी होती है, जिससे ईमानदारी से काम करने वाले संस्थान भी प्रभावित होते हैं। अंततः इसका सबसे बड़ा नुकसान गरीब और वंचित परिवारों को उठाना पड़ता है।”
अमित कटारिया ने अस्पतालों के सही पंजीयन और नियमित निरीक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों को क्लेम करते समय संपूर्ण दस्तावेज अपलोड करना चाहिए ताकि अनावश्यक क्लेम रद्द न हों।
वर्कशॉप में दी गई अहम जानकारी
वर्कशॉप में प्रतिभागियों को कई विषयों पर प्रशिक्षण और जानकारी दी गई, जिनमें शामिल थे:
• आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया
• वय वंदना योजना में कार्ड बनाने की विधि
• सही तरीके से क्लेम दाखिल करने के नियम
• दस्तावेज तैयार करने की सटीक प्रक्रिया
• लिपिकीय त्रुटियों को कम करने के उपाय
• आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आभा आईडी का उपयोग
• कम्प्लायंस सॉफ्टवेयर का बेहतर उपयोग
प्रतिभागियों ने अपनी शंकाएं प्रस्तुत कीं, जिनका समाधान विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख अधिकारी और प्रतिनिधि
वर्कशॉप में कई वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:
• डॉ. सुरेन्द्र पामभोई – संचालक, राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान
• टी.एन. सिंह – राज्य सूचना एवं विज्ञान अधिकारी, एन.आई.सी.
• मनीष कोचर – तकनीकी निदेशक, एन.आई.सी.
• डॉ. सुरेन्द्र शुक्ला – चेयरबोर्ड, हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया, छत्तीसगढ़
• पूजा शुक्ला मिश्रा – संयुक्त संचालक (वित्त)
• डॉ. धर्मेंद्र गहवई – प्रोजेक्ट डायरेक्टर, राज्य नोडल एजेंसी
साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, भारत सरकार के प्रतिनिधि और रायपुर, दुर्ग व बिलासपुर जिलों के निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।