सनातन धर्म हमेशा जीवों की सेवा करने की प्रेरणा देता आया है। सभी जीवों की सेवा ही श्रेष्ठ मानी गई है। चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित रामद्वारा में भी 100 साल से भी अधिक समय से पक्षी सेवा का कार्य निरंतर जारी है। एक भी दिन ऐसा नहीं आया, जब पक्षियों की सेवा नहीं की गई हो। यहां हजारों पक्षियों को दान डाला जाता है। स्थिति यह हो गई है कि प्रतिदिन तीन क्विंटल अनाज डालना पड़ रहा है, जो अपने आप में एक सेवा का बड़ा उदाहरण है। यहां कबूतरों के अलावा तोते भी दान चुगने आते हैं। यहां रामद्वारा के संतों के साथ ही आम श्रद्धालुओं की ओर से भी पक्षियों को अनाज डाला जाता है।
चित्तौड़गढ़ में कोटा मार्ग रामस्नेही संप्रदाय का रामद्वारा स्थित है। यहां वर्तमान में संत रमताराम महाराज दिग्विजयराम महाराज निवासरत है। यहां सुबह से शाम को अंधेरा होने तक पक्षियों की चहचहाट सुनाई देती है। इसके पीछे कारण यह है कि कबूतर और तोते के झुंड रहते हैं। यहां का नजारा पहली बार आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। यहां नियमित रूप से पक्षियों को दान डाला जाता है। करीब 100 वर्ष पूर्व इसकी शुरुआत हुई थी। अब प्रतिदिन तीन क्विंटल अनाज डालना पड़ता है। यहां पर एक अलग से कमरा बना हुआ है, जिसमें अनाज का भंडारण किया हुआ है। संतो के अलावा यह काम करने वाले लोगों की ओर से पक्षियों को प्रतिदिन अनाज डाल दिया जाता है।