इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा स्थित श्रीकृष्णजन्म भूमि- शाही ईदगाह विवाद में विचाराधीन सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई करने अथवा हाई कोर्ट स्थानांतरित कर सुनवाई की मांग में दाखिल याचिका पर विपक्षियों की तरफ से जवाब नहीं दाखिल करने पर नाराजगी जताई है। साथ ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सहित सभी विपक्षियों को जवाब दाखिल करने के लिए एक बार फिर आखिरी मौका दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सात अप्रैल 2023 तक दोनों पक्ष अपने जवाबी दावे-प्रतिदावे दाखिल कर लें। प्रकरण में अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान तथा दो अन्य की तरफ से दायर स्थानांतरण अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने विपक्षी संख्या चार ( श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान) को नोटिस जारी की थी। उनकी तरफ से दो वकीलों ने वकालतनामा दाखिल कर समय मांगा। इसे कोर्ट ने गुमराह करने और सुनवाई प्रक्रिया में व्यवधान डालने वाला करार दिया। कहा, न्याय हित में फिर आखिरी मौका दे रहे हैं। दोनों पक्षों को अपने दावे प्रतिदावे, दूसरे पक्ष को प्रति देकर ई-मोड से इसे दाखिल करने का निर्देश कोर्ट ने दिया।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने बताया कि जवाबी हलफनामा तैयार है। कुछ खामियां दुरुस्त कर इसे शीघ्र दाखिल कर दिया जाएगा। इसलिए समय दिया जाए। शाही ईदगाह मस्जिद की प्रबंध समिति के अधिवक्ता नसीरूज्जमा ने कहा कि ई-मोड से जवाब दाखिल किया गया है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से अधिवक्ता प्रतीक ने कहा कि वह जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहते। केवल केस शीघ्र तय कराना चाहते हैं। कोर्ट ने टिप्पणी की कि जिसने जवाब दाखिल नहीं किया तो यही माना जाएगा कि उसे कुछ नहीं कहना और केस की सुनवाई की जाएगी। इसलिए सभी पक्ष अपना जवाब- प्रति जवाब दाखिल कर दें।