डॉक्टरों का तर्क- गैप से दवा करती है ज्यादा असर
राकेश सोनी/ रायपुर। देश में कोरोना से अब तक का साढ़े तीन लाख लोगों की जान जा चुकी है। कुछ दिनों को छोड़ दिया जाए तो रोजाना लाखों संक्रमित हो रहे हैं और हजारों लोगों की जान अब भी जा रही है। ऐसे में केवल वैक्सीन की इससे बचाने का एक मात्र उपाय दिख रहा है और वैक्सीन लगवाने के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है, लेकिन जिस वैक्सीन के भरोसे पूरी दुनिया है क्या उसी वैक्सीन के दोनों डोजों के बीच के गैप को लेकर सवाल नहीं उठना चाहिए?। आज रोजाना लाखों लोगों को वैक्सीन लग रही है, यह अच्छी बात है पर वैक्सीन के दोनों डोजों के बीच जो गैप है वह लोगों पर भारी पड़ रहा है। देशभर में कई मामले ऐसे सामने आ चुके हैं, जिसमें वैक्सीन का एक डोज लगवाने के बाद लोग संक्रमित हो गए। कई मामलों में तो लोगों की जान भी चली गई। वहीं सरकार और डॉक्टरों का तर्क है कि दोनों डोजों के बीच गैप से वैक्सीन का ज्यादा असर करेगी। दूसरी ओर विपक्षी दलों और अन्य लोगों वेक्सीन में गैप का कारण वैक्सीन की किल्लत होना भी बताया है।
डॉक्टरों ने कहा- गैप से ज्यादा असर करेगी दवाई
जब देश में वैक्सीन बनी थी ओर लोगों को को लगना शुरू हुई थी तक वैक्सीन के दोनों डोजों के बीच गैप ४ से ६ हप्ते का रखा गया था। इसके बाद इसे ६ से ८ और बाद में १२ से १६ सप्ताह ते बढ़ा दिया गया। ऐसे में डॉक्टरों ने तर्क दिया था कि वैक्शीन के अध्ययन से सह तथ्य सामने आते गए कि इसका प्रभाव कब ज्यादा होगा इस कारण की दोनों डोजों के बीच गैप बढ़ाया गया है।
कहीं किल्लत के कारण गैप का बहाना तो नहीं
डॉक्टर और सरकार वैक्सीन के दोनों डोज के बीच के गैप को सही बता रहे हैं। दोनों का कहना है कि जितना ज्यादा गैप होगा उतना ज्यादा दवा का असर होगा। पर दूसरी और कई राज्यों में वैक्सीन की कमी से टीकाकरण रुकने की खबरें भी मिल रही हैं। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि कहीं वैक्सीन की कमी के कारण तो सरकार वैक्सीन के डोज में गैप कर रही हो। अगर ऐसा है तो दोनों डोजों के बीच का यही गैप लोगों की जान ले सकता है।
भोपाल में घर-घर दिए थे पीले चावल
वहीं कुछ दिन पहले उड़ती-उड़ती खबर आई थी मप्र की राजधानी भोपाल में लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक करने और वैक्सीन लगवाने सेंटरों तक लाने घर-घर जाकर पीले चावल दिए गए थे। इससे जाहिर होता है कि लोगों में अभी भी वैक्सीन को लेकर एक डर बना हुआ है जो उन्हें वैक्सीन लगवाने से रोक रहा है।
विपक्ष कई बार लगा चुका है आरोप
वहीं दूसरी ओर विपक्ष देश में वैक्सीन की किल्लत को लेकर कई बार सरकार को घेर चुका है। वैसे में भी वैक्सीन सेंटरों में भारी भीड़ और घंटों इतजार के बाद वैक्सीन न लग पाना सरकार के सारे दावों को खारिज तो कर रही रहा है, जिस कारण विपक्ष को भी बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया।
कई शहरों में भीड़ कई शहरों में पसरा सन्नाटा
वैक्सीनेशन को लेकर अभी भी लोग जागरूक होते नहीं दिख रहे हैं। हालात यह हैं कि देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां वैक्सीन लगवाने के लिए लोग खुद सेंटर पहुंच रहे हैं ओर कुछ राज्य ऐसे हैं जहां सेंटरों पर अभी भी मक्खियां सड़ रही हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो वहां की स्थिति इससे उलट है। कुछ स्थानों पर ग्रामीणों ने साफ कह दिया है कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। ऐसे में क्या सरकार का देश का कारोना मुक्त करने का जो लक्ष्य है वह पूरा हो पाएगा।
४५+ को वैक्सीन लगाने कर वार्ड में चिरायु मोबाइल वैन
रायपुर में लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक करने और जल्द से जल्द टीका लगाने के लिए सरकार ने नया प्रयोग किया है। सेंटरों पर भीड़ कम होने की वजह से अब रायपुर के हर वार्ड में चिरायु मोबाइल वैन की शुरुआत की गई है, जो ४५+ वालों को घर पर ही वैक्सीन लगाएगी।
छत्तीसगढ़ में भी हो गई थी किल्लत
वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की कई बार किल्लत हो चुकी है, जिससे वेक्सीनेशन बंद करना पड़ा था। राज्य सरकार भी कई बार कह चुकी है कि ऊपर से आपूर्ति नहीं होने के कारण ऐसी समस्या आ रही है। ऐसे में वैक्सीन के डोज में गैप को लेकर अलग-अलग बात हो सकती है। बहरहाल जो भी हो सकार लोगों को वैक्सीन के प्रति लोगो को अधिक से अधिक जागरूक करे और नागरिक भी जागरुक होकर वैक्सीन लगवाएं ओर इा महामारी को मात दें।