31 जनवरी 2024 तक अपनी कार के फास्टैग को बैंक से केवाईसी अपडेट नहीं कराया है तो इसे बैंक डीएक्टिव या ब्लैकलिस्ट कर देंगे। इसके बाद फास्टैग में बैलेंस होने के बावजूद पेमेंट नहीं होगा। इस संबंध में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एनएचएआई ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें फास्टैग धारकों को भारतीय रिजर्व बैंक यानी रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने को कहा है, ताकि बिना परेशानी के फास्टैग धारकों को सुविधा का लाभ मिलता रहे।
एनएचआईए ने अपने बयान में कहा कि फास्टैग यूजर्स को ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ नीति का पालन करना होगा। पहले जारी सभी फास्टैग को अपने संबंधित बैंकों को वापस करना होगा। अब सिर्फ नए फास्टैग अकाउंट एक्टिव रहेंगे। एनएचएआई ने फास्टैग से टोल वसूलने के लिए टोल प्लाजा के वेटिंग टाइम को कम करने और पारदर्शिता लाने के लिए ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ अभियान शुरू किया है। यह पहल एक गाड़ी के लिए कई फास्टैग जारी करने और रिजर्व बैंक के नियमों का उल्लंघन कर केवाईसी के बिना फास्टैग जारी किए जाने की हालिया रिपोर्टों के जवाब में की है।
यह होता है फास्टैग
फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या आरएफआईडी तकनीक पर काम करता है। इसके जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपनेआप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है। फास्टैग के इस्तेमाल से वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रूकना नहीं पड़ता है। टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में कमी और यात्रा को सुगम बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।