रायपुर। 28 सितंबर को अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के 22 सांसदों ने एक महत्वपूर्ण विधेयक को पेश किया था जिसमें अफगानिस्तान में तालिबान ही नहीं बल्कि पाकिस्तान और उसके जैसे कई तालिबान सहयोगी देशों की सरकार पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी, यह बिल आज अमेरिकी संसद में पास हो गया है।
रिपब्लिकन सीनेटर जिम रिश ने ‘अफगानिस्तान काउंटर टेररिज्म, ओवरसाइट एंड एकाउंटेबिलिटी एक्ट’ विधेयक को संसद में पेश किया। जिसमें उन्होंने कहा “हम राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन के अफगानिस्तान से अचानक हुई अमेरिकी सेना की वापसी और उसके गंभीर प्रभावों पर नजर बनाए रखेंगे। इस निर्णय से कितने ही अमेरिकी नागरिकों और उनके अफगानी सहयोगियों को अफगानिस्तान में खतरे के बीच असहाय छोड़ दिया गया। अमेरिका के विरुद्ध एक नया आतंकवादी खतरा आया हुआ है। वहीं अफगान लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों का हनन किया जा रहा है और इन सबके बावजूद तालिबान गलत तरीके से संयुक्त राष्ट्र से मान्यता पाना चाह रहा है।”
क्या कहता है यह विधेयक?
यह विधेयक 2001-2020 के बीच अफगानिस्तान सरकार को गिराने वाले तालिबान को शह और मदद देने में पाकिस्तान की भूमिका की मांग करता है। विधेयक यह मांग भी करता है कि पंजशीर घाटी पर तालिबान के हमले में पाकिस्तान के समर्थन के बारे में विदेश मंत्री एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
इस विधेयक के आते ही पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में खलबली मच चुकी थी, वहां के नेतागण इस मामले में अपनी अपनी राय रख रहे थे और इस मुद्दे को पाकिस्तान विरोधी कदम बता रहे थे।
पाकिस्तानी रुपया भूटान करेंसी से भी नीचे पहुँचा
परन्तु इस विधेयक के पास होते ही पाकिस्तान के आर्थिक छबि पर आघात पहुँचा है, ये इस बात से साबित हो रहा है कि पाकिस्तानी रुपया अब तक के अपने निचले स्तर पर पहुँच चुका है। 2.31 पाकिस्तानी रुपया अब 1 भारतीय रुपया के बराबर हो चुका है। एक तरह से यह भूटान के करेंसी से भी निचले स्तर पर है।
-पूनम ऋतु सेन