नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने देश के दो अत्याधुनिक और परिष्कृत स्वदेशी डाइविग सपोर्ट वेसल्स (डीएसवी) आईएनएस निस्तार और निपुण को लांच किया। ये डीएसवी नौसेना की ताकत में और बढ़ोतरी करेंगे। इन डीएसवी का मुख्य कार्य पोतों और पनडुब्बियों का बचाव करना है। इन दोनों पोतों को हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड विशाखापत्तनम ने तैयार किया है। आईएनएस निस्तार ने अपने पिछले अवतार में 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई जंग में अहम भूमिका निभाई थी। उसने पाक की डूबी पनडुब्बी गाजी को गहरे समुद्र से भी खोज निकाला था। उस वक्त भारत ने इसे रूस से खरीदा था।
इस मौके पर एडमिरल हरिकुमार ने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर है। इन डीएसवी में लगभग 80 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है। यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। निस्तार और निपुण भारत के जहाज निर्माण उद्योग में विशेषज्ञता और अनुभव का युग शुरू होने की कहानी बयां करते हैं। कुछ दिनों पहले हमने कोच्चि में पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत लांच किया था। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना बहुआयामी आपरेशन करने में पूरी तरह सक्षम है।