अपराधियों में दरिंदगी लगातार बढ़ रही है। अपराधियों के बुलंद हौंसले का अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि पिछले चार साल में 224 हत्याएं हुईं। इनमें 40 प्रतिशत केस में शवों को टुकड़ों में काटा गया और आंखें निकाल ली गईँ। यानी अपराधी खौफनाक तरीके से दे रहे हत्या को अंजाम।
कोई शव को टुकड़ों में काट रहा है तो कोई आंखें निकाल रहा है तो कोई पंजा या कलाई ही काटकर ले जा रहा है। इसी तरह लोगों को जिंदा जलाने में भी उनके हाथ नहीं कांप रहे। हत्या में इस तरह की दरिंदगी पहले नहीं देखी जाती थी। अब लोगों की क्रूर तरीके से जान लिया जा रहा है। इसी तरह लोगों को चाकुओं से गोदा गया और गोलियों से भी छलनी की गया।
2019 से मार्च 2023 तक ऐसे ही 224 लोगों की हत्या हो गई। इनमें से 89 ऐसी वारदातें थी, जिनमें हत्यारों ने बेदर्दी से वारदात को अंजाम दिया। मनोवैज्ञानिक प्रो संदीप शुक्ला के अनुसार बेरोजगारी, आर्थिक तंगी व परिवारिक समस्याओं के चलते लोगों में तनाव बढ़ रहा है। क्राइम से जुड़े टीवी सीरियल्स व फिल्में देखकर लोग वारदात को अंजाम दे रहे हैं।