
भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा होने वाला है, क्योंकि अमेरिका से आए बोइंग एएच-64ई अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का पहला जत्था भारत पहुंच चुका है। इन धांसू हेलीकॉप्टरों को राजस्थान के जोधपुर में तैनात किया जाएगा। ये हेलीकॉप्टर इतने एडवांस हैं कि इन्हें “आसमान का टैंक” कहा जाता है। इनके आने से भारतीय सेना की मारक क्षमता और रणनीतिक ताकत को नई उड़ान मिलेगी।
बोइंग ने मंगलवार को भारतीय सेना को तीन अपाचे हेलीकॉप्टर सौंपे। ये कुल छह हेलीकॉप्टरों का हिस्सा हैं, जिन्हें 5,691 करोड़ रुपये के सौदे में खरीदा गया है। बाकी तीन हेलीकॉप्टर 2025 के अंत तक भारत पहुंच जाएंगे। सेना के अफसरों ने बताया कि ये हेलीकॉप्टर जोधपुर में तैनात होंगे, जहां पहले से ही अपाचे स्क्वाड्रन तैयार है। भारतीय वायुसेना पहले से ही पठानकोट और असम के जोरहाट में अपाचे स्क्वाड्रन चला रही है।
अपाचे हेलीकॉप्टर दुनिया के सबसे उन्नत हमलावर हेलीकॉप्टरों में से एक है। ये रात में देखने की नाइट विजन तकनीक, हर मौसम में हमला करने की क्षमता और शानदार नेविगेशन सिस्टम से लैस है। इसमें 16 हेलफायर मिसाइलें, स्ट्रिंगर मिसाइलें और 30 मिमी की ऑटोमैटिक तोप है, जो टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों को चुटकियों में नेस्तनाबूद कर सकती है। इसकी सेमी-स्टेल्थ तकनीक इसे दुश्मन के रडार से बचाने में मदद करती है। ये 280 किमी/घंटा की रफ्तार से 21,000 फीट तक उड़ सकता है। दो पायलटों वाला ये हेलीकॉप्टर युद्ध में वायुसेना और थलसेना दोनों का साथ देता है।
इन हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी में करीब 15 महीने की देरी हुई, क्योंकि वैश्विक सप्लाई चेन और भू-राजनीतिक हालातों ने रुकावट डाली। 2020 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान 600 मिलियन डॉलर का सौदा हुआ था। इससे पहले 2015 में वायुसेना के लिए 22 अपाचे खरीदे गए थे, जिनकी डिलीवरी 2020 तक पूरी हो चुकी है।
इन हेलीकॉप्टरों को यूक्रेन की एंटोनोव एयरलाइ Airlines के एन-124 रुसलान विमान से अमेरिका के एरिजोना से हिंडन एयर बेस लाया गया। इस विमान पर “बी ब्रेव लाइक बुचा” लिखा था। ये विमान दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य परिवहन विमान है।
जोधपुर में इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती रणनीतिक रूप से बेहद अहम है, क्योंकि ये भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब है। अपाचे की ताकत से सेना की तेज और प्रभावी कार्रवाई की क्षमता बढ़ेगी। ये हेलीकॉप्टर न सिर्फ दुश्मन के ठिकानों को तबाह करेंगे, बल्कि सेना के स्ट्राइक कोर को एविएशन कवर देकर और खतरनाक बनाएंगे।