भारत की डाक्यूमेंट्री फीचर ‘राइटिंग विद फायर” आस्कर अवार्ड के लिए नामित हुई है। उसने एकेडमी अवार्ड के 94वें संस्करण के लिए नामांकन की अंतिम सूची में जगह बना ली है। इसकी घोषणा ट्रेसी एलिस रास और लेस्ली जार्डन ने एकेडमी आफ मोशन (पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज के टि्वटर पेज के जरिये की। सर्वोत्तम डाक्यूमेंट्री फीचर की श्रेणी में नामांकन पाने वाली अन्य फिल्मों में असेंशन, अटिका, फ्ली और समर आफ सोल शामिल हैैं। पुरस्कार समारोह 27 मार्च को आयोजित होगा।
‘राइटिंग विद फायर” को रिंटू थामस और सुष्मित घोष ने निर्देश्ाित किया है। दोनों के करियर की यह पहली डाक्यूमेंट्री है। इसकी सह निदेशक घोष ने कहा, ‘हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है। यह हमारे और पूरे देश के लिए अहम पल है… यह फिल्म निर्भीक दलित महिला पत्रकारों पर आधारित है, जो यह परिभाषित करती हैैं कि शक्तिशाली होने का मतलब क्या होता है। यह आधुनिक भारतीय महिलाओं की सर्वोत्कृष्ट कहानी है।”
डाक्यूमेंट्री की कहानी दलित महिलाओं द्वारा संचालित देश के इकलौते समाचार पत्र ‘खबर लहरिया” पर आधारित है। इसका प्रकाशन उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से होता है। इसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार महत्वाकांक्षी दलित महिलाएं प्रासंगिक बने रहने के लिए अपनी चीफ रिपोर्टर मीरा के नेतृत्व में प्रिंट से डिजिटल में तब्दील होती हैैं। स्मार्ट फोन, उत्साह व दृढ़ विश्वास से लबरेज ये महिला रिपोर्टर स्थानीय पुलिस की करतूतों की जांच करती हैैं। जातीय और लिंग आधारित हिंसा के पीड़ितों की समस्याओं को सुनती हैैं और तमाम चुनौतियों व खतरों के बीच उनके साथ खड़ी होती हैैं।