बेंगलुरू। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम ‘गगनयानÓ को दिसंबर में शुरू करेगा। कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के प्रतिकूल प्रभाव के कारण हार्डवेयर वितरण कार्यक्रम बाधित हो गया है। गगनयान के जनादेश के हिस्से के रूप में, मानवयुक्त मिशन के लिए एंड-टू-एंड क्षमता का परीक्षण करने के लिए दो बिना क्रू उड़ानों की योजना है। बेंगलुरु मुख्यालय वाली अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि महामारी की पहली और दूसरी लहर ने गगनयान कार्यक्रम को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। मिशन के लिए हार्डवेयर तत्व उद्योग द्वारा गढ़े गए हैं, और देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग अवधि में लॉकडाउन ने डिलीवरी शेड्यूल पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इसरो के एक अधिकारी ने कहा, डिजाइन, विश्लेषण और प्रलेखन इसरो द्वारा किया जाता है, जबकि गगनयान के लिए हार्डवेयर देश भर में सैकड़ों उद्योगों द्वारा निर्मित और आपूर्ति की जाती है।
गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य एक भारतीय प्रक्षेपण यान पर मनुष्यों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की क्षमता प्रदर्शित करना है। केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने इस साल फरवरी में कहा था कि पहला मानव रहित मिशन दिसंबर 2021 में और दूसरा मानव रहित मिशन 2022-23 में, इसके बाद मानव अंतरिक्ष उड़ान प्रदर्शन की योजना है। गगनयान कार्यक्रम के हिस्से के रूप में चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री-उम्मीदवार पहले ही रूस में सामान्य अंतरिक्ष उड़ान प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। मिशन के लिए इसरो के हेवी-लिफ्ट लॉन्चर जीएसएलवी एमके-आईआईआई की पहचान की गई है। गगनयान कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2018 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान की थी। प्रारंभिक लक्ष्य 15 अगस्त, 2022 को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान शुरू करना था।