जम्मू-कश्मीर में प्रदेश जांच एजेंसी (एसआईए) ने आतंकियों और अलगाववादियों के पारिस्थितिक तंत्र और उनके वित्तीय नेटवर्क को नष्ट करने के अपने अभियान को जारी रखते हुए प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी की लगभग 125 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति को जब्त कर लिया। इनमें से हुर्रियत प्रमुख रहे कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी का आवास भी शामिल है। सभी संपत्तियां कुलगाम, पुलवामा, बडगाम और श्रीनगर जिलों में स्थित हैं। जब्त की गई संपत्ति में लगभग 50 कनाल (लगभग छह एकड़) का भूखंड भी है, जिस पर एक दर्सगाह (मदरसा) व शापिंग कांप्लेक्स बना हुआ है। कुछ आवासीय क्षेत्र भी है। एसआईए ने संबंधित मकान की तलाशी ली और वहां से कुछ दस्तावेज और जमात-ए-इस्लामी की शोपियां इकाई के पूर्व प्रधान का मोबाइल फोन व सिमकार्ड भी बरामद किया है।
संबधित जिलाधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए इन संपत्तियों में किसी अवांछित व्यक्ति के दाखिल होने पर भी रोक लगा दी है। सिर्फ शापिंग कांप्लेक्स में किराये की दुकान चलाने वाले दुकानदारों को अपना कारोबार जारी रखने की छूट दी गई है। दुकानदारों का जमात-ए-इस्लामी से कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध नहीं है। यहां बता दें कि जमात को कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद का जनक माना जाता है। कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को जमात का फौजी बाजू कहा जाता था।
हिजबुल का लगभग 90 प्रतिशत कैडर जमात की पृष्ठभूमि का ही रहा है। अलगाववादियों का कैडर व प्रदेश की राजनीति में सक्रिय कई नेता भी परोक्ष रूप से जमात से जुड़े रहे हैं। देश की एकता अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों का संज्ञान लेते हुए सरकार ने इसे फरवरी 2019 में प्रतिबंधित कर दिया था। बावजूद इसके जमात के नेताओं ने गतिविधियां जारी रखीं। अब एसआइए ने कड़ा कदम उठाते हुए जमात से जुड़ी 188 संपत्तियों की पहचान की। इन्हें जमात ने अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं और उनके रिश्तेदारों के नाम पर पंजीकृत करा रखा है। नवंबर से इसके खिलाफ अभियान चल रहा था और अब यह बड़ी कार्रवाई की गई है।









