मध्य प्रदेश के दमोह में गंगा जमुना स्कूल में धर्मांतरण के बाद अब टेरर फंडिंग और पीएफआई से कनेक्शन की बातें भी सामने आ रही है। सूत्र बता रहे हैं कि गंगा जमुना के स्कूल के लिंक PFI और SDPI से मिले हैं। SDPI गंगा जमुना संस्था को सपोर्ट करता था। कुछ दिन पहले ही SDPI एजेंसियों की रडार पर आया था, क्योंकि इसकी बैठक में संचालक समेत कई टीचर शामिल हुए थे। PFI का पॉलिटिकल विंग SDPI है।
गंगा जमुना स्कूल मामले में कलेक्टर और डीईओ की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है। कलेक्टर पर तथ्यों को छिपाकर स्कूल को बचाने का काम करने का आरोप है तो डीईओ पर लापरवाही का। डीईओ को निलंबित कर लापरवाही मामले में जांच की जा रही है। स्कूल संचालक पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के साथ काम करने के तथ्य सामने आए हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन स्कूलों ने मान्यता ली थी, उन पर निगरानी रखने का काम डीपीसी, बीईओ और बीआरसी पर है। सभी ने ड्यूटी पूरी तरह से नहीं निभाई है। सभी लोग मान्यता के नियमों के विरुद्ध काम कर रहे थे। लिहाजा स्कूल की मान्यता को निलंबित कर दिया है। बाल आयोग की रिपोर्ट में गंभीर तथ्य सामने आए हैं, जो केवल शिक्षा और विद्यार्थियों तक सीमित नहीं है। समाज में विद्वेष फैलाने का काम, धर्मांतरण का काम दिख रहा है।