मध्य प्रदेश सरकार भी अब पत्थरबाजों से संपत्ति के नुकसान की वसूली करेगी। इसके लिए शिवराज सरकार सख्त कार्रवाई के लिए अधिनियम का मसौदा तैयार किया है। इसके तहत अगर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी मुआवजा देने में आनाकानी करता है तो उसकी संपत्ति नीलाम कर प्रभावित व्यक्ति को राशि दिलाई जाएगी।
गृह विभाग ने मसौदा नीतिगत निर्णय के लिए भेज दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अनुमति के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। विधानसभा के 22 फरवरी से प्रारंभ होने वाले बजट सत्र में विधेयक प्रस्तुत किया जा सकता है।
गौर हो कि गत महीने उज्जैन में रामभक्तों पर पथराव किया गया था। इस घटना के कुछ दिन बाद इंदौर के सांवेर में भी अयोध्या में बनने वाले श्रीराम मंदिर के लिए निकाली जा रही जनजागरण रैली पर पत्थरबाजी की घटना हुई थी। इसके पहले भोपाल की करोंद स्थित अमन कालोनी में लूट की वारदात के आरोपित को पकड़ने पहुंची पुलिस पर पथराव किया गया था। इन घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त कानून बनाने के निर्देश दिए थे। इसके मद्देनजर गृह विभाग ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के अधिनियमों का अध्ययन करने के बाद मसौदा तैयार किया है।
सूत्रों के अुनसार शासकीय या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पत्थरबाजों के साथ उकसाने का काम करने वाले लोगों से भी नुकसान की वसूली का प्रावधान रखा गया है। महिला और बच्चों को आगे कर पत्थरबाजी करने के मामले में सख्त कार्रवाई होगी। नुकसान का आकलन करने के लिए अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। इसमें यह भी प्रस्तावित है कि क्षतिपूर्ति के लिए प्रभावित व्यक्ति को आवेदन नहीं करना होगा। प्रशासन ही इसके लिए कार्रवाई करेगा। भरपाई के लिए दावा अधिकरण आदेश देगा। यह प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करनी होगी। प्रदर्शन में शामिल लोगों पर एक समान जिम्मेदारी तय होगी। नुकसान की राशि समय पर नहीं देने की स्थिति में ब्याज वसूला जाएगा।