प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम कहा कि वीरता केवल युद्ध के मैदान में ही दिखाई जाए ऐसा ज़रूरी नहीं होता। जब विरता का विस्तार होता है तो हर क्षेत्र में अनेकों कार्य सिद्ध होने लगते हैं। हमारे देश में अनेक राज्य हैं, अनेक क्षेत्र है जहां के लोगों ने प्राकृतिक विरासत के रंगों को संजोकर रखा है। इन लोगों ने प्रकृति के साथ मिलकर रहने की जीवनशैली भी जीवित रखी है। ये हम सबके लिए भी प्रेरणा है। के यह उनकी मन की बात कार्यक्रम का 83वां एपिसोड है।
प्रधानमंत्री ने अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि जब हम प्रकृति को संरक्षण देंगे तो वह हमें भी संरक्षण देगी। अमृत महोत्सव, वृंदावन धाम की भव्यता और पर्यावरण के मुद्दे पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दो दिन बाद दिसंबर भी शुरू हो रहा है। दिसंबर आते ही Psychologically हमें ऐसा ही लगता है कि चलिए भई साल पूरा हो गया। ये साल का आखिरी महीना है और नए साल के लिए ताने-बाने बुनना शुरू कर देते हैं। इसी महीने नेवी डे और आर्म्ड फोर्स फ्लैग डे भी देश मनाता है। हम सबको मालूम है 16 दिसंबर को 1971 के युद्ध का स्वर्णिम जयंती वर्ष भी देश मना रहा है। मैं इन सभी अवसरों पर देश के सुरक्षाबलों का स्मरण करता हूं, हमारे वीरों का स्मरण करता हूं। और विशेष रूप से ऐसे वीरों को जन्म देने वाली वीर माताओं का स्मरण करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव, सीखने के साथ ही हमें देश के लिए कुछ करने की भी प्रेरणा देता है। अब तो देशभर में आम लोग हों या सरकारें, पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, अमृत महोत्सव की गूंज है और लगातार इस महोत्सव से जुड़े कार्यक्रमों का सिलसिला चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसा ही एक रोचक प्रोग्राम पिछले दिनों दिल्ली में हुआ। ‘आजादी की कहानी बच्चों की जुबानी’ कार्यक्रम में बच्चों ने स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी गाथाओं को पूरे मनोभाव से प्रस्तुत किया। खास बात ये भी रही कि इसमें भारत के साथ ही नेपाल, मॉरीशस, तंजानिया, न्यूजीलैंड और फिजी के स्टूडेंट भी शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि एक कमाल का काम हिमाचल प्रदेश में ऊना के Miniature Writer राम कुमार जोशी ने भी किया है। जोशी ने Postage Stamps पर ही यानी इतने छोटे Postage Stamp पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के अनोखे Sketch बनाए हैं। हिंदी में लिखे ‘राम’ शब्द पर उन्होंने Sketch तैयार किए, जिसमें संक्षेप में दोनों महापुरुषों की जीवनी को भी उकेरा गया है।
उन्होंने कहा कि वृंदावन के बारे में कहा जाता है कि ये भगवान के प्रेम का प्रत्यक्ष स्वरूप है। हमारे संतों ने भी कहा है कि यह आसा धरि चित्त में कहत जथा मति मोर, वृंदावन सुख रंग कौ, काहु न पायौ और। वृंदावन दुनियाभर के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है। इसकी छाप आपको दुनिया के कोने-कोने में मिल जाएगी। पर्थ में ‘Sacred India Gallery’ नाम से एक Art Gallery है। यह Gallery Swan Valley के एक खूबसूरत क्षेत्र में बनाई गई है और ये ऑस्ट्रेलिया की एक निवासी जगत तारिणी दासी जी के प्रयासों का नतीजा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक दिलचस्प इतिहास है कि ऑस्ट्रेलिया का रिश्ता हमारे बुंदेलखंड के झांसी से भी है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जब ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही थीं तो उनके वकील जॉन लैंग थे। वो मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया के थे। भारत में रहकर उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई का मुकदमा लड़ा था। हमारे स्वतंत्रता संग्राम में झांसी और बुंदेलखंड का कितना बड़ा योगदान है, ये हम सब जानते हैं। यहां रानी लक्ष्मीबाई और झलकारी बाई जैसी वीरांगनाएं भी हुईं और मेजर ध्यानचंद जैसे खेल रत्न भी इस क्षेत्र ने देश को दिए हैं।