इटली स्थित बोकोनी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लागू प्रतिबंधों ने जहां महिलाओं और युवाओं के मानसिक स्वस्थ्य को प्रभावित किया, वहीं कार्यस्थलों के बंद रहने से लोगों की मानसिक सेहत बेहतर हुई। अध्ययन निष्कर्ष ‘सोशल साइंस एंड मेडिसिन” नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जिसमें यूरोप के कई देशों की नीतियों की निगरानी की गई। टीम ने 15,000 से अधिक लोगों की जनसांख्यिकीय व सामाजिक-आर्थिक पहलुओं का विश्लेषण किया। इसमें पाया गया कि प्रतिबंधों के कारण लोगों के मानसिक स्वास्थ्य में समग्र रूप से 3.9 प्रतिशत की गिरावट आई।
अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर प्रतिबंध के कारण लोगों के मानसिक स्वास्थ्य में 1.5 प्रतिशत व मिलने-जुलने पर रोक के कारण 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि कार्यस्थलों के बंद रहने से महामारी पूर्व की तुलना में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का स्तर 1.8 प्रतिशत बेहतर हुआ।
बोकोनी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर लेटिजिया मेनकारिनी के अनुसार, ‘सभी साक्ष्यों के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है कि खुद को कम स्थिर व खतरनाक स्थिति में देखने वाले समूह को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। इनमें महिलाएं, कम पढ़ेलिखे लोग और युवा शामिल हैैं। यह भी पता चला कि महामारी को रोकने के लिए उठाए गए ज्यादातर एहतियाती कदमों के परिणामों का नियामकों को बहुत कम अनुमान था।”