मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोरोना मृतक के परिवारवालों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह रकम राज्य डिजास्टर रिलीफ फंड से दी जाएगी। मुआवजे की इस राशि को पाने के लिए पीडि़त परिवार परिवार को जिले के डिजास्टर मैनेजेंट दफ्तर में आवेदन देना होगा। इसके साथ ही करोना से हुई मौत का प्रमाण यानी मेडिकल सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा।
सुप्रीम कोर्ट को मुआवजे की प्रक्रिया के बारे में केंद्र ने बताया कि संबंधित परिवार मृत्यु प्रमाण पत्र सहित निर्दिष्ट दस्तावेजों के साथ राज्य प्राधिकरण द्वारा जारी एक फॉर्म के माध्यम से अपने दावे प्रस्तुत करेंगे। प्रमाण पत्र में मृत्यु के कारण को कोविड-19 को प्रमाणित किया गया हो। डीडीएमए यह सुनिश्चित करेगा कि दावे, सत्यापन, मंजूरी और अनुग्रह राशि के अंतिम भुगतान की प्रक्रिया मजबूत लेकिन सरल और लोगों के अनुकूल प्रक्रिया के माध्यम से हो। सभी दावों को आवश्यक दस्तावेज जमा करने के 30 दिनों के भीतर निपटाया जाएगा। इसके बाद मुआवजा राशि आधार से जुड़े प्रत्यक्ष लाभ ट्रांसफर प्रक्रियाओं के माध्यम से वितरित किया जाएगा। साथ ही शिकायत निवारण के लिए जिला स्तर पर एक समिति होगी।
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी एनडीआरएफ ने सुप्रीम कोर्ट में यह हलफनामा दाखिल किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की गई थी की कोरोना से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। नियम के मुताबिक प्राकृतिक आपदा से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा मिलता है, लेकिन जिस तादाद में कोरोना से लोगों को मौत हुई है उसके बाद केंद्र सरकार ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया था।