गांव-गांव में शौचालय बनाने के बाद मोदी सरकार का अगला लक्ष्य शहरों को कचरे से मुक्ति दिलाने की है। इसके लिए एक हजार से अधिक डंपिग साइटों को ठीक करने के लिए आठ हजार करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इससे 16 करोड़ टन कचरे का निस्तारण किया जा सकेगा। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि लैंडफिल साइटों की वजह से लगभग 15 हजार एकड़ भूमि पर कब्जा है।
उन्हाेंने कहा कि देश में शहरी स्थानीय निकायों की अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता 2014 में केवल 18 प्रतिशत थी, जो बढ़कर वर्तमान में 73 प्रतिशत हो गई है। जल्द से जल्द इसे 100 प्रतिशत तक पहुंचाने की योजना है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गए प्रयासों का परिणाम है कि भारत में चार हजार 373 शहरी निकाय खुले में शौच मुक्त हो गए है। हमने न केवल 73.45 लाख से अधिक व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया, दिव्यांगजन सहित लाखों शहरी गरीबों की गरिमा और स्वास्थ्य भी बहाल किया है।