नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के सीएम पद की शपथ ली। शपथ लेने से पहले नायब सिंह सैनी ने मनोहर लाल खट्टर का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। महत्वपूर्ण बात यह है कि जेजेपी के भी चार विधायक देवेंद्र बबली, ईश्वर सिंह, जोगीराम और राम निवास शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए, जबकि अनिल विज कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बने। उन्होंने पार्टी आलाकमान से साफ कह दिया है कि अपने जूनियर के साथ काम नहीं कर सकते हैं।
नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया। बाद में उन्होंने राज्यपाल से मुलाकत कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। बीजेपी ने हरियाणा में अपने फैसले से सबको चौंका दिया। मनोहर लाल खट्टर सहित सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। इस तरह से राज्य में जेजेपी के साथ बीजेपी का गठबंधन लोकसभा चुनाव से पहले टूट गया।
दरअसल, हरियाणा में बदलाव की बात एक हफ्ते पहले ही शुरू हो गई थी। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक हुई। बैठक में हरियाणा के सियासी हालात पर चर्चा हुई। उस बैठक में एक रिपोर्ट पेश किया गया जिसमें ये बताया गया कि हरियाणा का जाट समुदाय मनोहर लाल खट्टर के साथ नहीं है। अगर खट्टर आगे भी पद पर रहते हैं तो ये मुमकिन है कि जाट वोटर्स एकजुट हो जाएं और कांग्रेस के पक्ष में चले जाएं। ऐसे में पार्टी को खामियाजा उठा पड़ सकता है। इसी रिपोर्ट के बाद से रणनीति बननी शुरू हुई और आखिर में मनोहर लाल खट्टर का इस्तीफा हो गया।