सरकार ने अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2023) के लिए अधिकांश डाकघर बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 0.1 प्रतिशत से 0.7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। हालांकि सामान्य बचत स्कीम (चार प्रतिशत सालाना) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ-7.1 प्रतिशत) पर मिलने वाले ब्याज में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया गया है। सबसे ज्यादा राष्ट्रीय बचत प्रपत्र (एनएससी) पर 0.7 प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिलेगा। इस पर देय सालाना ब्याज की दर सात प्रतिशत से बढ़ाकर 7.7 प्रतिशत कर दी गई है।
किसान विकास पत्र (केवीपी) पर ब्याज दर को 7.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसमें निवेशित राशि पहले 120 महीनों में दोगुनी होती थी अब 115 महीनों में होगी। वहीं सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार का यह फैसला बैंकों की तरफ से जमा योजनाओं पर ब्याज दरों के बढ़ाने के मद्देनजर किया गया है।
पिछले एक वर्ष में अगर कर्ज महंगा हुआ है तो बैंकों की तरफ से सावधि जमा स्कीमों पर ब्याज दरें एक प्रतिशत से डेढ़ प्रतिशत तक बढ़ाई गई हैं। ऐसे में सरकार नियंत्रित इन स्कीमों को आकर्षक बनाने के लिए इन पर ज्यादा ब्याज देने की जरूरत महसूस की गई है। इसका उद्देश्य देश में बचत को बढ़ावा देना होता है। इन स्कीमों में जमा राशि का इस्तेमाल केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारें भी करती हैं।
ब्याज दरों में हुआ यह बदलाव (प्रतिशत में)
योजना पहले अब
बचत जमा 4.0 4.0
एक वर्ष की जमा 6.6 6.8
दो वर्ष की जमा 6.8 6.9
तीन वर्ष की जमा 6.9 7.0
पांच वर्ष की जमा 7.0 7.5
पांच वर्ष की सावधि जमा 5.8 6.2
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 8.0 8.2
मासिक आय खाता योजना 7.1 7.4
राष्ट्रीय बचत प्रपत्र 7.0 7.7
पीपीएफ 7.1 7.1
किसान विकास पत्र 7.2 7.5
सुकन्या समृद्धि योजना 7.6 8.0