नई दिल्ली. देशभर में कोरोना से स्थिति भयावह होती जा रही है। अस्पतालों में गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही। अस्पतालों में आॅक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा है, तो किसी को अस्पताल में सिर्फ एक बिस्तर चाहिए। ऐसे में सरकार कोविड-19 वैक्सीन लगवाने की रफ्तार बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। केंद्र सरकार ने कोरोना के टीकों की आपूर्ति ड्रोन से करने के लिए एक अध्ययन की अनुमति दे दी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को ड्रोन के जरिए वैक्सीन की आपूर्ति की संभावना तलाशने के लिए अध्ययन की इजाजत दी है। आईसीएमआर यह अध्ययन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के सहयोग से करेगा। आईसीएमआर को अध्ययन की यह छूट मानव रहित विमान प्रणाली नियम, 2021 के तहत शर्त के साथ दी गई है। ताकी वह वैक्सीन की डिलीवरी में ड्रोन के इस्तेमाल की संभावना तलाशने सके। यह छूट एक साल के लिए मान्य होगी या फिर अगले आदेश तक ही मान्य होगी। देहरादून, हल्द्वानी, हरिद्वार और रुद्रपुर के नगर निगम को भी सशर्त ड्रोन के इस्तेमाल की छूट मिली है। इसके लिए ये सभी जीआईएस आधारित डेटाबेस और इलेक्ट्रॉनिक टैक्स रिसीप्ट का डाटा तैयार कर रहे हैं। वहीं वेदांत लिमिटेड को भी ड्रोन के जरिए मैप और डेटा इकट्ठा करने के लिए सशर्त अनुमति मिली है। भारत में बिगड़े हालात को देखते हुए सरकार ने 1 मई से 18 साल से ऊपर वाले सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन करने का फैसला लिया है। भारत में 1 मई से 18 साल से अधिक आयु वाले लोगों को भी कोरोना टीका लगेगा। इसके लिए शनिवार यानी 28 अप्रैल से कोविड प्लेटफॉर्म और आरोग्य सेतु एप पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। कोरोना संक्रमण से 18 साल से लेकर 45 साल के लोगों को टीका उपलब्ध कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। फिलहाल 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण अभियान जारी है।