केंद्र सरकार ने एक नोटिस जारी कर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों को उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या को उचित ठहराने, बढ़ावा देने और महिमामंडित करने वाली विषय सामग्री को इंटरनेट से तुरंत हटाने का निर्देश दिया है।
उदयपुर की घटना के बाद केंद्र सरकार की इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों पर कड़ी नजर है। इलेक्ट्रानिक्स और आइटी मंत्रालय ने एक नोटिस जारी कर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों से उदयपुर में हुई नृशंस हत्या को बढ़ावा देने और महिमामंडित करने या इसे उचित ठहराने वाली सामग्री को तुरंत हटाने को कहा है।
राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले दर्जी कन्हैया लाल की कथित एक विवादास्पद इंटरनेट मीडिया पोस्ट को लेकर मंगलवार को दिनदहाड़े ग्राहक बनकर आए दो लोगों रियाज अख्तरी और गौस मुहम्मद ने चाकू से सिर कलम कर हत्या कर दी थी। इसके बाद उन्होंने सिर काटने की जिम्मेदारी लेते हुए इस अपराध का एक भयानक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी पोस्ट किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) राजस्थान पुलिस का आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) और स्पेश्ाल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) के सहयोग से मामले की जांच कर रही है।
सरकार की ओर से 29 जून को जारी नोटिस में कहा गया है कि इस नोटिस के जरिये आपको तत्काल यह सुनिश्चित करने का निर्देश्ा दिया जाता है कि उदयपुर की घटना के मद्देनजर सुरक्षा और विश्वास के अपने दायित्व के निर्वहन के रूप में आप किसी भी और सभी सामग्री को जिनमें आडियो, वीडियो, फोटो या किसी भी रूप में तुरंत हटा दें, जो इस हत्या और हत्या को प्रोत्साहित करने / महिमामंडित करने / न्यायोचित ठहराने के लिए प्रतीत होते हैं, ताकि किसी भी तरह के उकसावे और सार्वजनिक व्यवस्था में व्यवधान को रोका जा सके और सार्वजनिक श्ाांति और सद्भाव को बहाल किया जा सके।
कन्हैया लाल की नृशंस हत्या का वीडियो आनलाइन पोस्ट किया गया था और कई इंटरनेट मीडिया हैंडल और अकाउंट द्वारा हत्या का महिमामंडन करने और उसे सही ठहराने के कई उदाहरण सामने आए हैं। कन्हैया लाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गुरुवार रात को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। दोनों कन्हैया लाल की हत्या की साजिश में भागीदार थे और उनसे पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान मोहसिन और आसिफ के रूप में हुई है।