सकर्रा के धान खरीदी केंद्र में सूखत के नाम पर घोटाला
सकर्रा । समय से धान नहीं उठने के कारण अब सूखत के नाम पर 8 लाख 37500 हजार रुपये का धान गायब हो गया। समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का सकर्रा के खरीदी केंद्र से अभी तक उठाव नहीं हो पाया है। जबकि धान की खरीदी को बंद हुए पांच माह होने जा रहा है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार खरीदी केंद्र में अभी 335 क्विंटल धान का उठाव शेष है इतने धान की कीमत प्रति क्विंटल की दर से 837500 लाख रुपए होती है।
इतने भारी धान के शॉर्टेज की घोषणा धान खरीदी प्रभारी कर रहा है यानि ये तो घोषित घोटाला है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि धान की जितनी मात्रा में सूखत बताई जा रही है, उतना सूखत आना संभव नहीं है उसकी रिकवरी सरकार तो करेगी ही समितियों के संचालकों को उतना धान सरकार को देना ही होगा। सेवा सहकारी समिति मर्यादित सकर्रा के पंजीयन क्रमांक 1893 सकर्रा के धान खरीदी केंद्र में 335 क्विंटल धान उठाव हेतु शेष है। जमीनी स्तर की हकीकत ये है की खरीदी केंद्र के फड में उठाव हेतु शेष धान एक भी बीज नहीं है। सैकड़ों क्विंटल धान को आसमान खा गए की बादल निगल गए यह बात समझ से परे है, इसकी पता नहीं चल पा रहा है। जहां धान खरीदी प्रभारी द्वारा भारी मात्रा में खरीदी केंद्र के धान को गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। मामले में धान खरीदी प्रभारी लकेश्वर राठौर की मनमानी ऐसी की सरकार के 335 क्विंटल उठाव हेतु शेष धान को सूखत बता रहा है जबकि ये संभव नहीं है। इस मामले में ग्रामीणों ने धान खरीदी प्रभारी पर भारी गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। इस वर्ष खरीफ फसल के कुल 973 किसानों से कुल धान की खरीदी 35325.6 की गई है. जिसमें अभी तक कुल धान की उठाव 34990.60 हुआ है जिसमें से 335.00 धान उठाव हेतु शष है।
धान खरीदी प्रभारी समिति एवं शासन को लाखों रुपए का लग रहा है चूना
भारत देश भर में छत्तीसगढ़ राज्य को धान का कटोरा कहा जाता है। इस धान के कटोरा नाम की उपलब्धि में जांजगीर-चांपा जिला का पूरा पूरा हाथ है। जांजगीर-चांपा जिला के ऊपर यह नाम धान का कटोरा निर्भर करता है। छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल की सरकार किसानों का एक-एक दाना धान खरीदने के लिए पानी की तरह रूपए पैसे बहा रही है। सरकार ने किसानों को उनके खून पसीने एवं मेहनत की कमाई के धान का एक-एक दाना खरीदने के लिए भूपेश सरकार संकल्पित है। धान का प्रति क्विंटल के एवज में पच्चीस सौ रुपये देने वाला देश भारत में इकलौता राज्य छत्तीसगढ़ है। लेकिन जहां पर अगर धान खरीदी प्रभारी ही खरीदी केंद्र के धान को चोरी करने लग गए हैं इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। सेवा सहकारी समिति के द्वारा खरीदे गए सैकड़ों क्विंटल धान को खरीदी प्रभारी द्वारा गड़बड़ी किया गया है जिसके कारण समिति एवं शासन को लाखों रुपए का चूना लग रहा है।