बेटी ब्याह कर ससुराल चली गई तो मां चली रही राशन दुकान। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के गृह जिले सरगुजा में राशन वितरण में इस तरह की अनियमितता की शिकायत है। इसे लेकर क्षेत्रीय ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। इसकी उच्च स्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग की जा रही है। उदयपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत कंवलगिरी का मामला है। यहां राशन वितरण का जिम्मा जिस महिला स्वसहायता समूह के नाम पर दिया गया है, उस समूह की अध्यक्ष कई साल पहले विवाह होने के बाद कोरबा जिले के गिद्धमुड़ी में रहती है। इधर राशन दुकान संचालन का जिम्मा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उसकी मां ने संभाल रखा है। अब गांव के लोगों ने उचित मूल्य राशन दुकान में अनियमितता को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
प्रशासन तक शिकायत पहुंचने के बाद पूरे मामले की जांच का आश्वासन दिया गया है। अंबिकापुर नगरीय क्षेत्र में राशन वितरण में अव्यवस्था का अवलोकन खुद खाद्य मंत्री कर चुके हैं। अब ग्रामीण क्षेत्रों से आ रही गंभीर शिकायतों के बाद सरगुजा में उचित मूल्य की राशन दुकानों के संचालन में फेरबदल किए जाने के संकेत मिल रहे हैं।
उदयपुर ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत कंवलगिरी के ग्रामीणों ने राशन वितरण में गड़बड़ी और मनमानी करने का आरोप लगाया है। तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर पीडीएस संचालनकर्ता महिला स्व सहायता समूह के द्वारा राशन वितरण में गड़बड़ी की शिकायत करते हुए समूह की गतिविधियों की जांच और समूह कार्य से पृथक करने की मांग की है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि राशन वितरण के संचालन की जिम्मेदारी पिछले कई वर्षों से संतोषी महिला स्व सहायता समूह को दी गई है। इस समूह की अध्यक्ष का विवाह कोरबा जिले के ग्राम गिधमुड़ी में हो चुका है और अब वह अपने परिवार सहित गिधमुड़ी में निवासरत है। वर्तमान में राशन वितरण का कार्य समूह की अध्यक्ष की मां जो स्वयं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और आंगनबाड़ी सहायिका के द्वारा किया जा रहा है।
बताया गया है कि शासन द्वारा लाकडाऊन अवधि में अप्रैल, मई व जून महीने का राशन एक साथ ग्राम पंचायतों में भेजा गया है। इसका नि:शुल्क वितरण भी समूह के द्वारा नहीं किया गया। गांव की मितानिनों के द्वारा कोरोना संकट की वजह से तीन महीने का चावल, शक्कर, चना और मिट्टी तेल नि:शुल्क वितरण की सूचना गांव मे दी गई थी। संचालनकर्ताओं के द्वारा नि:शुल्क मिलने वाले चना के एवज में रुपए लिए जाने की शिकायत भी की गई है।
सरगुजा जिले में राशन वितरण में अनियमितता की शिकायत पुरानी है। भाजपा शासनकाल में राशन दुकान संचालित करने वाले आज भी इस काम मे लगे हुए हैं। महिला समूहों के नाम पर राशन दुकान संचालन की जवाबदारी लेकर पुरुषों द्वारा राशन दुकान संचालन की शिकायत होती रही है। पिछले दिनों केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने खुद शहरी क्षेत्रों के राशन दुकानों का निरीक्षण कर अव्यस्थाओं पर नाराजगी जताई थी।