पटवारियों की हड़ताल के कारण एक ओर लोग परेशान हैं तो दूसरी ओर अन्य प्रशासनिक अफसर भी लोगों को दफ्तर के चक्कर लगवा रहे हैं। पिछले 20 दिनों से हड़ताल चल रही है, लेकिन अफसर समस्याओं को दूर करने की बजाय और बढ़ा रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस आईडी से पटवारी काम करते हैं, वही आईडी तहसीलदारों को भी दी गई है। इसके बावजूद तहसीलदार सिर्फ 90 दिनों के बाद आने वाले मामलों पर ही हो रही सुनवाई कर रहे हैं, जबकि शेष लंबित छोड़ दिए जा रहे हैं।
कुछ महीनों पूर्व बनाई गई व्यवस्था के अनुसार पटवारियों के सभी कार्यों का संपादन तहसीलदार कर सकते हैं। लेकिन तहसीलदार इस मामले पर कोई विशेष रुचि नहीं दिखा रहे हैं। लोगों को 90 दिनों तक इंतजार करवाया जा रहा है, ताकि लोक सेवा गारंटी की सीमा की अंतिम अवधि में ही मामले का निराकरण किया जाए। नियमानुसार प्रकरण आते ही उनकी सुनवाई तुरंत की जाए, तो निश्चित रूप से लोगों को राहत मिल सकती है। पिछले 20 दिनों से पटवारियों की सभी जिलों में हड़ताल चल रही है। ज्यादातर पटवारी न तो धरनास्थल पर जा रहे हैं और न ही कार्यों का संपादन कर रहे हैं।