उत्तराखंड के तीन मंदिरों में महिलाओं और लड़कियों के लिए ड्रैस कोड लागू किया गया है। हरिद्वार के दक्ष प्रजापित मंदिर, पौड़ी के नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में लड़कियां छोटे कपड़े पहनकर दर्शन के लिए नहीं जा सकेंगी। इन तीनों मंदिरों को मैनेज करने वाले महानिर्वाणी अखाड़े ने यह आदेश जारी किया है।
स्कर्ट या शॉर्ट्स पहनने पर मंदिर में एंट्री नहीं मिलेगी। जिन महिलाओं के शरीर का 80% से ज्यादा हिस्सा ढका हुआ होगा, वे ही मंदिर में जा पाएंगी। अखाड़े के सेक्रेटरी, महंत रविंदर पुरी ने कहा कि श्रद्धालुओं को मंदिरों में देश के पारंपरिक कपड़े पहन कर जाना चाहिए। मंदिरों की पवित्रता बनाए रखने के लिए पहले लोगों से अपील की गई थी। अब इसके लिए आदेश जारी किया गया है।
देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में इसके लिए एक बोर्ड भी बनाया गया है। उत्तराखंड से पहले नागपुर के 4 मंदिरों में भी ड्रेस कोड लागू किया गया था। महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने 26 मार्च को जानकारी दी कि गोपालकृष्ण मंदिर (धंतोली), संकट मोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर (बेलोरी-सावनेर), बृहस्पति मंदिर (कानोलीबारा) और हिलटॉप दुर्गामाता मंदिर (मानवतानगर) में आपत्तिजनक कपड़े पहनने पर एंट्री नहीं दी जाएगी। इसके लिए मंदिर के बाहर पोस्टर भी लगाए गए।