छत्तीसगढ़ में पटवारियों की हड़ताल पर राज्य सरकार ने एस्मा तो लगा दिया, लेकिन चेतावनी के 24 घंटे बीतने के बाद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे जहां प्रदर्शनकारी पटवारियों के हौंसले बुलंद हैं, वहीं दूसरे संगठनों को भी आंदोलन को बल मिल रहा है। राजस्व पटवारी संघ के बैनर तले 15 मई से जारी हड़ताल से कामकाज बुरी तरह से प्रभावित है। इससे युवाओं की नौकरी, आम जनता के रोजमर्रा के काम और भत्ते से संबंधित कोई भी काम प्रभावित नहीं हो पा रहे हैं।
हड़ताल के चलते शिक्षा सत्र चालू होने और रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रियाधीन होने से विद्यार्थियों को जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। एस्मा लगाए जाने के बावजूद पटवारियों की जगह सरकार ही बैकफुट पर नजर आ रही है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। सरकार ने एस्मा के बावजूद पटवारियों को काम पर लौटने के लिए विवश करने की जगह अस्थाई वैकल्पिक व्यवस्था की है। अब शिक्षा सत्र चालू होने और रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया में जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र प्राप्त की अनिवार्यता खत्म कर दी है। इससे आम लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।