सऊदी अरब और कुवैत दोनों ही मुस्लिम देश हैं। दोनों ही देशों के लोग बडी संख्या वेदों और उपनिषदों में रुचि ले रहे हैैं। यहां के लोग गुजरात के एक विश्वविद्यालय द्वारा हाल में ही शुरू किए गए आनलाइन पाठ्यक्रम से जुड़ रहे हैं। इसमें वेदों और उपनिषदों के अलावा कौटिल्य के अर्थशास्त्र और प्राचीन भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे विषय शामिल हैं।
गुजरात प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीटीयू) को प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणालियों से जुड़े तीन महीने के 12 आनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों के लिए 889 विद्यार्थियों से पंजीकरण के लिए आवेदन मिले हैं। गुजरात सरकार का यह विश्वविद्यालय अभियांत्रिकी, वास्तुशिल्प, प्रबंधन, फार्मेसी और कंप्यूटर साइंस जैसे विविध विषयों का अध्ययन कराता है।
भारत के 21 राज्यों के अलावा सऊदी अरब, कुवैत, तंजानियां और आस्ट्रेलिया के विद्यार्थियों ने इन पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया है। इनको धरोहर नामक जीटीयू सेंटर फोर इंडियन नालेज सिस्टम और भीष्म स्कूल आफ इंडिक स्टडीज ने शुरू किया है। भीष्म स्कूल आफ इंडिक स्टडीज प्राचीन भारतीय ज्ञान के प्रचार के लिए काम करने वाला एक संगठन है। इस बात का आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया गया है कि विदेश से कितने विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। अधिकारियों का कहना है कि सऊदी से अधिकतर विद्यार्थियों ने कौटिल्य के अर्थशास्त्र एवं राजनीतिक विज्ञान तथा वेद अध्ययन को चुना है, जबकि आस्ट्रेलिया के ज्यादातर अभ्यर्थियों ने वेद अध्ययन एवं प्राचीन भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का चयन किया है।