नई दिल्ली। इस समय दुनिया में एक ही चर्चा है, कोरोना वैक्सीन कब आएगी। यूके ने फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। वहां जल्द वैक्सीनेशन शुरू होगा। इस बीच बड़ी खबर यह है कि फाइजर ने भारत से भी अपने वैक्सीन के लिए इजाजत मांगी है। फाइजर पहली कंपनी है, जिसने भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया (डीसीजीआई) से इस बारे में परमीशन मांगी है। भारत में अब तक 96.44 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। उधर, यूके और बहरीन ने फाइजर की वैक्सीन को इजाजत दे दी है।
फाइजर ने 4 दिसंबर को डीसीजीआई के पास आवेदन भेजा था, जिसमें वैक्सीन की भारत में बिक्री और वितरण को लेकर अनुमति मांगी थी। भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि देश में कोई भी वैक्सीन तभी लाई जाएगी, जब वह यहां क्लीनिकल ट्रायल्स पूरे कर ले। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फाइजर या उसकी सहयोगी कंपनी ने ऐसे किसी भी ट्रायल से इनकार किया था। हालांकि अफसरों का कहना है कि डीसीजीआई चाहे तो लोकल क्लीनिकल ट्रायल में छूट दे सकता है। कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में चीन ने 4, रूस ने 2 और यूके ने 1 वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिए हैं। भारत में अभी तक किसी भी कंपनी की वैक्सीन को अप्रूवल न मिला हो, प्री-आॅर्डर में वह सबसे आगे है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैक्सीन को लेकर बीते हफ्ते से काफी सक्रिय हैं।
28 नवंबर को मोदी ने अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद की कंपनियों में जाकर वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लिया था। 30 नवंबर को उन्होंने कुछ कंपनियों के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। 4 दिसंबर को उन्होंने वैक्सीन पर बात करने के लिए आॅल पार्टी मीटिंग बुलाई थी।
वैक्सीन लगने के बाद भी 3 साल तक पहनना होगा मास्क
देश में कोरोना वैक्सीन का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है और आम लोगों में वैक्सान लगाने की तैयारी जोरों पर हैं, लेकिन यदि आप सोचते हैं कि वैक्सीन लगाने के बाद मास्क लगाने से आजादी मिल जाएगी तो ऐसा नहीं है। वैक्सीन लगने के बाद भी लोगों को कम से कम तीन साल तक मास्क लगाना जरूरी होगा। दरअसल कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी उसके अच्छे बुरे साइड इफेक्ट्स सामने आने में लंबा वक्त लगेगा। ऐसे में वैक्सीन आने के बाद भी सबको विशेष एहतियात बरतनी होगी। साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करना भी जरूरी होगा। भारतीय विज्ञान और अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ शेखर मांडे ने यह जानकारी दी है।गौरतलब है कि आॅक्सफोर्ड व एस्ट्राजेनेका कंपनी के साथ मिलकर सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड नामक वैक्सीन तैयार कर रही है। इसके अलावा बायोटेक द्वारा भी स्वदेशी वैक्सीन बनाई जा रही है। इन दोनों वैक्सीन को भारतीयों पर किए गए परीक्षण के नतीजों को सामने आने में समय लग सकता है। हालांकि शुरूआती टेस्ट में इसके परिणाम सकारात्मक मिले हैं। टेस्टिंग के बाद सभी कंपनियों को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सामने रिपोर्ट पेश करनी होगी। वे रिस्क बेनिफिट का आकलन करेंगे। मॉडर्ना और फाइजर कंपनी द्वारा तैयार की जा रही वैक्सीन के अधिकांश ट्रायल विदेश में ही हो रहे हैं। यदि यह वहां सफल भी रहते हैं तो भी इन्हें भारतीय मानकों पर खरे उतरते हुए अनुमति लेनी होगी। बेशक देश-दुनिया की सभी वैक्सीन कंपनियों ने बड़े पैमाने पर तैयारी कर रही है। इस पूरी प्रक्रिया में समय लग सकता है। मॉडर्ना और फाइजर को भी यहां के मानकों के अनुरूप परीक्षण रिपोर्ट देनी होगी।
भारत में वैक्सीन देने के लिए तैयार है पूरा चेन सिस्टम
भारत में टीकाकरण के लिए एक पूरा चेन सिस्टम बना हुआ है। पोलियों से लेकर अन्य टीकाकरण जिस तरह देश के कोने कोने तक होते हैं, यहां भी यह अपनाया जा सकता है। बशर्ते भारतीय वातावरण व स्थिति के अनुकूल वैक्सीन उपलब्ध हो जाए।वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। कुछ समय बाद यह आ भी जाएगी लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि लोग बेफिक्र हो जाएं। लोग सामान्य जिंदगी में वापस लौटने की आस लगाए बैठे हैं।
पाकिस्तान में आॅक्सीजन सिलेंडर न मिलने से 7 संक्रमितों की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पेशावर स्थित एक अस्पताल में आॅक्सीजन सिलेंडर के न मिलने से शनिवार को 7 संक्रमितों की मौत हो गई। अस्पताल में सिलेंडर 180 किलोमीटर दूर रावलपिंडी से आते हैं। अस्पताल के कर्मचारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। पेशावर के ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव है। हालत यह है कि कोरोना संक्रमितों के लिए बेड नहीं मिल पा रहे हैं। अब तक देश में 4 लाख से ज्यादा मामले मिल चुके हैं जबकि 8 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।वहीं, रूस में रविवार को रिकॉर्ड 29 हजार 39 संक्रमण के मामले आए। देश में संक्रमितों का आंकड़ा 24 लाख 60 हजार 770 हो गया है। यहां अब तक 43 हजार से ज्यादा मौतें हुईं हैं। बीते 24 घंटे में 457 संक्रमितों की जान गई है।
अमेरिका में दिक्कत बढ़ी
अमेरिका के ज्यादातर राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं। हालात यह हैं कि कुछ राज्यों में अस्पतालों में जगह कम पड़ने लगी है। कैलिफोर्निया ने अपने दो इलाकों में स्टे एट होम आॅर्डर यानी घर में रहने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस राज्य के पांच क्षेत्र ऐसे हैं जहां के अस्पतालों ने प्रशासन को बता दिया है कि उनके अस्पतालों और खासकर आईसीयू में जगह अब नहीं बची है। ऐसे में मेकशिफ्ट आईसीयू बनाए जाएं।