इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में गैरहिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका वापस लिए जाने के बाद खारिज कर दी है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया।
इससे पहले वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की अनुमति के लिए मुकदमा दाखिल करने वाली राखी सिंह, जितेंद्र सिंह बिसेन और अन्य ने याचिका दाखिल कर कहा था कि श्रृंगार गौरी केस में जब तक वाराणसी की अदालत का फैसला नहीं आ जाता, तब तक परिसर में गैरहिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। साथ ही ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए।
अदालत का कहना था कि याची ने वाराणसी कोर्ट में सिविल वाद दायर कर रखी है। वह जो कुछ आदेश हाई कोर्ट से लेना चाह रही है वह सब कुछ वाराणसी की निचली अदालत में भी अर्जी दाखिल कर मांग कर सकती हैं। याची के इस कथन पर कि वह अपनी बात निचली अदालत वाराणसी में रखेगी इस आधार पर उसके द्वारा याचिका वापस लेने पर खारिज कर दिया।